Chaitra Navratri 2022 : मां दुर्गा की कृपा जिस पर हो जाये उसकी किस्मत खुल जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की अर्चना करने का अवसर होता है। इस बार नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो गई है। चैत्र नवरात्रि में मैया का आगमन अश्व पर सवार होकर हुआ है। नवरात्रि में मां की पूजा नौ रूपों में किया जाता है। मां अपने भक्तों की मुरादें पूरी करती है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि देवी के आगमन और प्रस्थान के वाहन के अनुसार आगामी छह माह का देश का भविष्य तय होता है। इसी प्रकार नवरात्रि का समापन 10 अप्रैल रविवार को होगा इसलिए देवी के प्रस्थान का वाहन भैंसा होगा।
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देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी के आगमन का वाहन नवरात्रि प्रारंभ होने के वार से तय होता है और जाने का वाहन नवरात्रि समाप्त होने के वार के तय होता है। इसके लिए देवी भागवत पुराण में एक श्लोक भी दिया गया है।
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे । गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।
अर्थात्- सोमवार या रविवार से नवरात्रि प्रारंभ होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है। मंगलवार या शनिवार को नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी का वाहन अश्व होता है। गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो देवी डोली में बैठकर आती है। बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी मां नाव पर सवार होकर आती है।
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