Chaitra Navratri 2024 Hawan Samagri : नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। भक्त गण इस दौरान उपवास रख कर मां दुर्गा की भक्ति करते है। इस वर्ष 30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि शुरु हो चुके हैं, जिसका 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के दिन है। नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा की पूजा तभी संपन्न मानी जाती है जब नवमी के दिन हवन किया जाता है। नवरात्रि हवन मंत्र एक महत्वपूर्ण पूजा विधि है। हवन पूजा को सफल और प्रभावी बनाता है।हवन मंत्रों का उच्चारण देवताओं को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। हवन मंत्रों के उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो वातावरण को शुद्ध करता है।
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हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं। हवन के समाप्त होने के बाद आरती करें और मां दुर्गा को भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होते हैं। आप हवन के बाद कन्या पूजन भी करवा सकते हैं।
नवरात्रि की हवन सामग्री
लोहे का एक हवन कुंड, एक सूखा नारियल, काला तिल, कपूर, चावल, जौ, गाय का घी, लोभान, शक्कर, गुग्गल, आम, चंदन, नीम, बेल एवं पीपल की सूखी लकड़ी, इलायची, लौंग, पलाश और गूलर की छाल, मुलैठी की जड़, अश्वगंधा, ब्राह्मी, कलावा या रक्षासूत्र, हवन पुस्तिका, हवन सामग्री, धूप, अगरबत्ती, रोली, पान के पत्ते, मिष्ठान, 5 प्रकार के फल, गंगाजल, चरणामृत, शहद, सुपारी, फूलों की माला आदि।