नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना संक्रमण कैसे फैला? ये अभी तक रहस्य बना हुआ है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों का दावा है कि यह वायरस चीन के वुहान शहर में बनी एक लैब से लीक हुआ है, लेकिन चीन इस जांच से भाग रहा है।
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हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की उत्पत्ति के लिए चीन और वुहान लैब की दोबारा जांच करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे चीन ने सिरे से खारिज कर दिया है। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के वाइस मिनिस्टर जेंग यिक्सिन ने साफ कहा कि वह डब्ल्यूएचओ के इस प्लान का पालन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लैब लीक थ्योरी एक ऐसी अफवाह है जो कॉमन सेंस के भी खिलाफ है और ये विज्ञान का भी अपमान है।
जेंग ने कहा कि, कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में फैल चुका था। दिसंबर 2019 में जब वुहान में ये फैला तो चीन ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब डब्ल्यूएचओ की टीम यहां आई थी तो चीन ने उन्हें हर उन जगह जाने दिया, जहां वह जाना चाहते थे। उन लोगों से मिलने दिया, जिनसे वो मिलना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ चीनी एक्सपर्ट की सलाह पर कोरोना की उत्पत्ति का पता वैज्ञानिक आधार पर लगाएगा, न कि किसी राजनीतिक दबाव में आकर पड़ताल करेगा। उन्होंने उस रिपोर्ट को भी खारिज किया है, जिसमें अमेरिका ने आरोप लगाया था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) के तीन कर्मचारियों से वायरस लीक हुआ था। जबकि चीन ने दावा किया कि लैब में कोई वायरस नहीं बनाया गया है। न ही ऐसे किसी वायरस पर कोई रिसर्च की गई है।