महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह (यूपी सिंह) का शनिवार यानि आज सुबह 92 साल की उम्र दुनिया छोड़ कर चले गए । बता दें की यूपी सिंह पिछले कुछ दिनो से अस्वस्थ चल रहे थे। अध्यापन कार्य में आने के बाद से ही उनका पूरा जीवन गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को समर्पित रहा। इनके दो पुत्रों दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह और यूपी कॉलेज के आचार्य प्रो. राजीव कृष्ण सिंह का परिवार छोड़ गए हैं।
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प्रो.सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उदय प्रताप सिंह को उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके शुभचिंतकों, गोरक्षपीठ और आरएसएस से जुड़े पदाधिकारियों और शिक्षा जगत के लोगों का उनके आवास पर तांता लगा है। सीएम योगी कल उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए गोरखपुर जाएंगे। प्रो. सिंह का अंतिम संस्कार रविवार (28 सितंबर) को गोरखपुर में राप्ती नदी के राजघाट पर दिन में 12 बजे से होगा।
वहीं अगर बात करें इनके शिक्षा के बारे में तो ये अपने करियर की शुरुआत महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज से किए थे। उनकी नियुक्ति तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने की थी। बाद में जब महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने अपने दो महाविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दान में दे दिए तो प्रो.यूपी सिंह भी गोरखपुर विश्वविद्यालय चले गए। वह गणित विभाग के प्रवक्ता रहे। बाद में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति बने।
अलग-अलग दायित्वों में देश और दुनिया में गोरखपुर का नाम रोशन कर चुके प्रो.यूपी सिंह आजीवन गोरक्षपीठ को समर्पित रहे। प्रो.यूपी सिंह के निधन से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ से जुड़ी संस्थाओं में शोक की लहर है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद परिवार ने ईश्वर से पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करने की प्रार्थना की है।