Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Cm Yogi Adityanath Jeevan Parichay : गोरखनाथ मन्दिर के पीठाधीश्वर से योगी आदित्यनाथ जानें कैसे बन गए ‘यूपी के नायक’

Cm Yogi Adityanath Jeevan Parichay : गोरखनाथ मन्दिर के पीठाधीश्वर से योगी आदित्यनाथ जानें कैसे बन गए ‘यूपी के नायक’

By संतोष सिंह 
Updated Date

Cm Yogi

Cm Yogi Adityanath Jeevan Parichay : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) का मूल नाम ( अजय सिंह बिष्ट) है। इनका जन्म 5 जून 1972 उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार (Garhwali Kshatriya Family) में हुआ था। योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे। इनकी माता का नाम सावित्री देवी है। बीते 20 अप्रैल 2020 को उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट (Father Anand Singh Bisht) की मृत्यु हो गई। अपनी माता-पिता के सात संतानों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवीं संतान थे। इनसे और दो छोटे भाई हैं।

पढ़ें :- मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद आतिशी ने बताईं सरकार की प्राथमिकता, कहा-सफल नहीं होने देंगे बीजेपी का षड्यंत्र

योगी आदित्यनाथ की शैक्षिक यात्रा

योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की। 1987 में यहां से हाईस्कूल परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(akhil bhaarateey vidyaarthee parishad) के सदस्य बने। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University) से योगी आदित्यनाथ ने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था, जिसमें इनके मूल प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया।

इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश तो लिया,लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए। इस दौरान गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ ने अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी का जीवन धारण कर लिया, जिसके बाद से इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।

राजनीतिक योगदान

पढ़ें :- आपका एक वोट जम्मू-कश्मीर के युवाओं का हौंसला बुलंद करने वाला और महिलाओं के अधिकार की रक्षा करने वाला है: अमित शाह

1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा सीट (Gorakhpur Lok Sabha seat) से भाजपा प्रत्याशी के तौर भाग्य आजमाया और इस चुनाव में विजयी हुए। इस दौराना योगी आदित्यनाथ की उम्र केवल 26 वर्ष थी। इसके साथ ही 12 वीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए।

योगी आदित्यनाथ अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी का गठन किया। इसके बाद तीसरी बार 2004 में लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में योगी आदित्यनाथ 2 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश  विधानसभा चुनाव 2017 ( Uttar Pradesh Assembly Elections 2017)  में योगी आदित्यनाथ को एक हेलीकॉप्टर देकर पूरे राज्य में प्रचार कराया। इस चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के उम्मीदों पर खरा उतरते हुए योगी आदित्यनाथ बीजेपी को सूबे 300 से अधिक सीटें दिलाकर विरोधी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया।

19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली।

योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी

योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर (Gorakhnath Temple) के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी(Hindu Yuva Vahini ) के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता (strong nationalist leader) की है। 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ (Mahant Avaidyanath) के निधन के बाद इन्हें यहां का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर ( Peethadheeshwar) बनाया गया।

पढ़ें :- जनता BJP के दस साल के कुशासन को ख़त्म करने जा रही...हरियाणा में बोले संजय सिंह

ये है पूरा सफरनामा

नाम- योगी आदित्यनाथ
पिता- आनन्द सिंह बिष्ट
माता- सावित्री देवी

चुनाव क्षेत्र  गोरखपुर
जन्म-5 जून 1972 (आयु 49)
जन्मस्थान- पंचुर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
राष्ट्रीयता- भारतीय
राजनीतिक दल-भारतीय जनता पार्टी
निवास-गोरखनाथ मठ, गोरखपुर , उत्तर प्रदेश, भारत
धर्म-हिन्दू (नाथ सम्प्रदाय)

लोकसभा चुनावों में  साल दर साल योगी आदित्यनाथ का बढ़ता गया जीत का अंतर

योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े। तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया। वह 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए। इन्होंने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।

योगी आदित्यनाथ पर 2008 को आजमगढ़ में हुआ जानलेवा हमला

पढ़ें :- हमेशा की तरह बीजेपी झूठ का सहारा ले रही, वे मुझे चुप कराना चाहती है क्योंकि वो सच्चाई बर्दाश्त नहीं कर सकते: राहुल गांधी

7 सितम्बर 2008 को योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ था। वह इस हमले में  बाल-बाल बचे। यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया। आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया ,जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया, परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए।

आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेजा

तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की, लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। इसके विरोध में मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए। उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी।

योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे

योगी धर्मांतरण(conversion) के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे। 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ये काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया था।

 

पढ़ें :- कस्टम आयुक्त ने निचलौल व ठूठीबारी कस्टम कार्यालय का किया निरीक्षण
Advertisement