लखनऊ। देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) अपने आपको भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राजनीतिक वारिस नहीं मानते हैं। एक मीडिया चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी (Chief Yogi) ने बड़ी बेबाकी से कहा कि मैं बीजेपी का कोई वारिस नहीं हूं बल्कि सिर्फ योगी हूं।
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उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ योगी के रूप में ही काम करना चाहता हूं। भारत माता के एक सेवक के रूप में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जो उत्तर प्रदेश की जनता की जो जिम्मेदारी दी गई है। उसको मैं ईमानदारी से निष्ठापूर्वक निभा रहा हूं। सीएम योगी ने कहा कि मुझे अच्छा लगेगा कि जब कार्य करते करते मुझे गोरखपुर की तरफ जाने का अवसर मिले ताकि अपने योगी धर्म को आगे बढ़ा सकूं। सीएम योगी ने कहा कि मैं दिल्ली के अपेक्षा गोरखपुर जाने को ज्यादा उत्सुक हूं।
बता दें कि सीएम योगी को कई मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराधिकारी बताया जाता है। कहा जाता है कि देश के वह अगले प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। यह पूछे जाने कि आप एक पीठाधीश्वर भी हैं और मुख्यमंत्री भी तो कभी इसमें डिफरेंसेज लगते हैं। सीएम ने कहा कि हमने अपने परंपराओं के साथ विसंगति दी है। यही भारत के सनातन प्रतीकों के साथ भी हमने दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि हमने संन्यास को भी इस बात का प्रतीक बना दिया कि संन्यास का मतलब व्यक्ति एकांत में जाकर आत्मपुन्य के लिए काम करें, लेकिन मुझे लगता है कि ये धर्म का रास्ता नहीं है। धर्म वास्तव में हमें दो बातों की प्रेरणा देता है। सीएम योगी ने समझाया एक अभ्युदय की जो इस जीवन में है, जैसे कि इस संसार में हमारा कंट्रीब्यूशन क्या हो सकता है? दूसरा कि जब इस काम को हम करेंगे तो इससे ही हमें मोक्ष की प्राप्ति होगी। सीएम ने कहा कि हम सांसारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए आगे बढ़ते हैं।
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