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कमीशनखोर विनय पाठक का ED-STF से आंख मिचौली का खेल, राष्ट्रपति तक पहुंची शिकायत फिर भी एक्शन नहीं, सवाल बड़ा कौन?

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। यूपी में शिक्षाजगत के हाईप्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामले में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) कानपुर के कमीशन खोर कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) को यूपी एसटीएफ (STF) व ईडी (ED)आखिरकार कब तक आंख मिचौली का खेल खेलेगी? जबकि इस हाईप्रोफाइल भ्रष्टाचार मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) बीते 15 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है।

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इसके बाद भी कोई एक्शन न होता देख बीते 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (FUPUCTA) ने  राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार के आरोपी कुलपति प्रो. विनय पाठक (Vinay Pathak)  को पदमुक्त किए जाने की मांग की थी। FUPUCTA अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि स्वतंत्र निष्पक्ष, दोषियों के समूचे नेटवर्क को ध्वस्त कर हुए उनके विरुद्ध न्यायसंगत कार्रवाई की मांग कर चुका है।

इसके अलावा यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इस मामले को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) पर बड़ा हमला बोला था। इसके साथ सीएम योगी (CM Yogi) विनय पाठक को बचाने का आरोप उन्हीं पर मढ़ दिया था।

दलित उत्पीड़न का मामला राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा, राष्ट्रपति ने राज्य सरकार को कार्रवाई के दिए निर्देश

एकेटीयू में प्रोफेसर विनय पाठक (Vinay Pathak)  के कार्यकाल के दौरान दलित कर्मचारी के उत्पीड़न का मामला राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है। राष्ट्रपति भवन ने मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसके बाद सरकार ने अब एक बार फिर एकेटीयू को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है कि एकेटीयू के कर्मचारी मनीष कुमार की पत्नी ने आरोप लगाया था कि 2016 में मनीष से वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों को नियमित किया गया, लेकिन मनीष नियमित नहीं हुए प्रदेश सरकार राज्यपाल और एससी – एसटी आयोग के निर्देशों के बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई थी।

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ईडी विनय पाठक पर कसेगी शिकंजा, दिल्ली मुख्यालय से मांगी मंजूरी

कमीशनखोरी के आरोपों से घिरे कानपुर के सीएसएमजे विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जल्द प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act)  के तहत केस दर्ज करने जा रहा है। इस केस में पाठक के अलावा उनके करीबियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष कुमार सिंह को भी आरोपित बनाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार राजधानी स्थित ईडी (ED) के जोनल मुख्यालय में इस प्रकरण की फाइल खुल चुकी है और केस दर्ज मुख्यालय से अनुमति मांगी गयी है। बताते चलें कि एसटीएफ (STF) द्वारा इस प्रकरण की जांच के दौरान अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष कुमार सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि विनय पाठक (Vinay Pathak) को कई बार नोटिस भेजकर एसटीएफ मुख्यालय में तलब करने की कवायद भी की जा चुकी है। इसके बावजूद पाठक जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं । अब एसटीएफ उनके खिलाफ अदालत से गैर जमानती वारंट जारी कराने को प्रयासरत है।

दूसरी ओर इस प्रकरण को लेकर ईडी (ED) ने लखनऊ पुलिस से जानकारियां तलब की थीं, साथ ही एसटीएफ मुख्यालय से भी इस मामले में जुटाए गये सबूतों के बारे में तमाम तथ्य एकत्र किए थे। लखनऊ पुलिस और एसटीएफ से मिली जानकारियों के आधार पर ईडी (ED) की इंटेलिजेंस यूनिट ने पड़ताल की, तो यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act) के तहत दर्ज करने के लिए मुफीद पाया गया। अब ईडी (ED) अधिकारियों ने केस दर्ज करने के लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी है। अधिकारियों के अनुसार जनवरी के दूसरे सप्ताह तक केस दर्ज कर लिया जाएगा, जिसके बाद पाठक को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा, वहीं बाकी तीनों आरोपितों से अदालत से अनुमति लेकर जेल में पूछताछ की जाएगी।

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