पूर्णिया। पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने गुरूवार को नामांकन दाखिल कर दिया। इसके बाद कहा कि वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन (Nomination) जरुर किया है, लेकिन कांग्रेस (Congress) का समर्थन राहुल गांधी व प्रियंका गांधी का आर्शीवाद प्राप्त है।
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उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन को खत्म करने की बड़ी साज़िश रची गई थी, जो ध्वस्त हो गया। उन्होंने खुलकर तो नहीं लेकिन इशारों में राजद (RJD) पर भी निशाना साधा। साथ यह भी कहा कि प्रदेश में कांग्रेस व इंडी गठबंधन को जिताने का हर प्रयास वे करेंगे।
माँ और माटी का आशीष
आज पूर्णिया का जन नामांकननफ़रत के ख़िलाफ़ संघर्ष
जनता की ज़िद से होगा अब न्याय pic.twitter.com/PWYEdoEG1U— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 4, 2024
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पप्पू यादव (Pappu Yadav) के मैदान में आ जाने से पूर्णिया की लड़ाई अब त्रिकोणीय हो गई है। पप्पू यादव के नामांकन को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पप्पू यादव ने दिल्ली पहुंचकर पवन खेड़ा की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने, अपनी पार्टी के विलय का ऐलान कर दिया था, लेकिन तकनीकी रूप से अभी तक ऐसा हुआ नहीं था।
इसका मतलब है कि पप्पू यादव (Pappu Yadav) तकनीकी रूप से कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं और पार्टी निर्दलीय नामांकन करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकती। पप्पू यादव (Pappu Yadav) , लालू के करीबी रहे हैं और आरजेडी प्रमुख के हर दांव-पेच को समझते हैं। पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल होने से पहले लालू से मिलने राबड़ी देवी के आवास पहुंचे थे। लालू यादव ने उनसे अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय करने को कहा था और मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया था। पप्पू यादव ने लालू का प्रस्ताव नकार तो दिया लेकिन कहीं न कहीं उन्हें यह अंदेशा रहा होगा कि आरजेडी पूर्णिया सीट आसानी से उनके हिस्से नहीं आने देगी।
कहा जा रहा है कि यही वजह होगी कि पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान तो कर दिया लेकिन सदस्यता ग्रहण करने के लिए सीट शेयरिंग और पूर्णिया सीट को लेकर तस्वीर साफ होने का इंतजार करना बेहतर समझा। पप्पू यादव और कांग्रेस, दोनों ही भविष्य के लिए सारे विकल्प खुले रखना चाहते थे।
पप्पू यादव (Pappu Yadav) के कांग्रेस में शामिल होने के कुछ ही दिन के भीतर लालू यादव ने जेडीयू विधायक बीमा भारती को न सिर्फ आरजेडी की सदस्यता दिलवाई, बल्कि पूर्णिया सीट से टिकट भी थमा दिया। बीमा भारती ने एक दिन पहले ही पूर्णिया से महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में आरजेडी के टिकट पर नॉमिनेशन किया था।