नई दिल्ली । कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने अपने पत्र में आगे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान करने का आरोप लगाया (Lok sabha Row) है। ‘राष्ट्रपत्नी टिप्पणी’ (Rashtrapatni Row) पर एक बड़ा विवाद खड़ा होने के बाद कांग्रेस सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को एक पत्र लिखा कि ‘माननीय राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के बारे में अनावश्यक और अवांछित संसदीय गतिरोध में विरोध को स्पष्ट करें।
पढ़ें :- IND vs SA 4th T20I: भारत ने टॉस जीतकर किया बल्लेबाजी का फैसला; देखें प्लेइंग इलेवन
सदन की कार्रवाई से निकालें शब्द
कांग्रेस सांसद ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि स्मृति ईरानी (Smriti Irani) राष्ट्रपति के नाम के आगे माननीय राष्ट्रपति या मैडम या श्रीमती के बिना ‘द्रौपदी मुर्मू’ को बार-बार चिल्ला रही थीं। यह राष्ट्रपति के पद के अपमानजनक कद के बराबर है। मैं मांग करता हूं कि जिस तरह से वह राष्ट्रपति को संबोधित कर रही थीं, उन्हे हटा दिया जाए।
अधीर रंजन चौधरी ने अपने पत्र में लिखा कि माननीय राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू के लिए मेरे मन में सबसे अधिक सम्मान है। मुझे यह कहते हुए खेद है कि यह विवाद मेरी ओर से केवल एक जुबान फिसलने के कारण हुआ। अधीर रंजन चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी ने ‘सोनिया गांधी के साथ बहुत अनुचित व्यवहार किया और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।’ पत्र में कहा गया है कि स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी के साथ बहुत अनुचित व्यवहार किया और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। सोनिया गांधी को मौखिक हमले और शारीरिक धमकी दी गई और सत्ताधारी पार्टी ने सदन में उनके लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बना दिया।
भाजपा पर लगाया राजनीति का आरोप
पढ़ें :- 555वें प्रकाश पर्व पर श्री ननकाना साहिब जा रहे हिंदू श्रद्धालु की हत्या, लूटे साढ़े चार लाख रुपए
चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अनावश्यक रूप से खुद को ऊपर दिखाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम को लेकर राजनीति करनी चाही। ईरानी ने मामले में बेहद अनुचित व्यवहार किया है। सोनिया गांधी को मौखिक और शारीरिक रूप से निशाना बनाने के साथ इस मामले में सदन में जैसा माहौल बनाया गया वैसा संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ। चौधरी ने लिखा, ‘महामहिम राष्ट्रपति के बारे में गैरजरूरी और अनावश्यक संसदीय गतिरोध के कारण मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं। महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति मेरे मन में बेहद सम्मान है। मुझे खेद है कि यह सारा विवाद सिर्फ मेरे जुबान फिसलने के कारण आरंभ हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मेरी मातृभाषा बांग्ला है और मैं हिंदी के प्रति बहुत सहज नहीं हूं। यह दुखद है कि महामहिम राष्ट्रपति का नाम सत्तारूढ़ दल ने सस्ती लोकप्रियता और राजनीतिक रूप से दूसरों पर हावी होने के लिए घसीटा।