बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में जीत और मिथक तोड़ने का वादा करने वाली बीजेपी (BJP) का सपना टूट गया। पीएम मोदी (PM Modi) से लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के साथ ही सीएम योगी (CM Yogi) जैसे फायरब्रांड नेताओं ने कर्नाटक में रोड शो और रैली कर समां बांधने का पूरा प्रयास किया था। बीजेपी (BJP) के नेता लगातार जनता से इस बात का दावा कर रहे थे कि उनकी पार्टी दोबारा से सत्ता में वापस आएगी। दरअसल अगर कर्नाटक के पुराने इतिहास को उठाकर देखें तो यहां पर बीते 38 सालों से कभी भी किसी पार्टी की सत्ता वापसी नहीं हो सकी है।
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में बीजेपी (BJP) ने बजरंगी दांव चलकर सोंचा था कि इससे वोट बैंक में सेंधमारी हो सकेगी। लेकिन बीजेपी का यह दांव पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ। इसका नतीजा यह निकला कि बीजेपी की कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हार हुई। चुन चुनकर सर्वे के बाद टिकट बंटवारा करने वाली बीजेपी के कई मंत्री तक पराजित होकर कांग्रेसी की आंधी में उड़ गए।
कर्नाटक में बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के कई निवर्तमान मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चुनाव हार गये। विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के अलावा बी. श्रीरामुलु, के सुधाकर, जेसी मधुस्वामी, गोविंद करजोल, एमटीबी नागराज और केसी नारायण गौड़ा को हार का सामना करना पड़ा।
सिरसी सीट पर कागेरी कांग्रेस के भीमन्ना नाइक से चुनाव हार गये। परिवहन मंत्री श्रीरामुलू को बेल्लारी सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार बी. नागेंद्र ने लगभग 29,300 मतों से हराया। चिक्कबल्लापुरा सीट पर स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर को कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप ईश्वर ने पराजित किया, जबकि चिकनैकानाहल्ली सीट पर कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी को जद (एस) के उम्मीदवार सीबी सुरेश बाबू ने हराया।