नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को वैक्सीन की डोज कब लेनी चाहिए? यह सवाल अक्सर वायरस से पीड़ित लोगों के मन में उठता रहा है, जिसे लेकर सरकारी पैनल ने अपनी सिफारिश दी है। सरकारी पैनल का कहना है कि कोरोना मरीजों को रिकवर होने के 6 महीने बाद ही वैक्सीन की पहली डोज लेनी चाहिए।
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Govt panel recommends those testing positive for COVID-19 should defer vaccination for six months after recovery:sources
— Press Trust of India (@PTI_News) May 13, 2021
यह जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दी है। इस बीच कोवैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी भारत बायोटेक को 2 से 18 साल की आयु के लोगों के लिए टीकों के दूसरे क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से यह मंजूरी दी गई है।
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देश में कोरोना की दूसरी लहर और वैक्सीन की किल्लत दोनों ही एक साथ जारी है। हालांकि सरकार का दावा है कि जल्द ही इस संकट से पार पा लिया जाएगा, लेकिन सरकारी पैनल ने जो वैक्सीन की डोज को लेकर बात कही है वह कुछ और ही कहानी कह रही है। पहले वैक्सीन की दोनों खुराक के बीच में 28 दिनों का अंतर रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 42 दिन कर दिया गया। अब सरकारी ने पैनल ने सिफारिश की है कि तीन महीने के बाद दूसरी डोज दी जाए।
सूत्रों का कहना है कि वैक्सीन की किल्लत की वजह से सरकारी पैनल ने यह सिफारिश की है। पैनल का कहना है कि कोविशील्ड की दोनों डोज के तीन से चार महीने का गैप होना चाहिए। कहा जा रहा है कि यह सिफारिश वैक्सीन की कमी के कारण से की गई है।
भारत में दो अभियान के तहत टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार 45 साल अधिक उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीन दे रही है। इसके अलावा 18 से 44 वायु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर को भी वैक्सीन खरीदने की अनुमति दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कोटा तय कर दिया है, ताकि सभी राज्यों को उसकी जनसंख्या के हिसाब से टीका मिले। हालांकि देश के अधिकांश राज्य सरकारों ने अपने राज्य की जनता को फ्री में वैक्सीन देने की घोषणा की है।
बता दें कि भारत में फिलहाल दो वैक्सीन कोवैक्सिन और कोविशील्ड की मदद से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी के टीके को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। रूस से वैक्सीन की दो खेप भारत पहुंच भी चुकी है।