नोएडा: ग्रेटर नोएडा में कई बडे प्रौजेक्ट बनाये जा रहे है। जिनमें से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, फूड पार्क, डाटा सेंटर के अलावा बहुत सी विदेशी और देश की बड़ी कंपनियों की यूनिट भी लगेगी। इसके कारण भविष्य में वाहनो का दबाव बढे़गा। इसी दबाव को कम करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने तैयारी शुरु कर दी है। प्राधिकरण के अधिकारी नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के ऊपर एक नया एक्सप्रेस वे बनाने पर मंथन कर रहे है।
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20 किलोमीटर लंबा बनाया जायेगा नया एक्सप्रेस वे
नया एक्सप्रेस वे महामाया फ्लाईओवर से शुरु होकर ग्रेटर नोएडा के जीरो पाइंट तक बनाया जायेगा। इस एक्सप्रेस वे को चिल्ला बॉर्डर से महामाया फ्लाईओवर तक बनने वाली एलिवेटेड रोड़ और कालिंदी कुंज बॉर्डर से आने वाली सड़क से जोडा जायेगा। इसके निर्माण के बाद दिल्ली की ओर से ग्रेटर नोएडा की ओर आने वाले वाहन चालक बिना जाम में फंसे सीधे ग्रेटर नोएडा और यमूना एक्सप्रेस वे पर जा सकेंगें।
देश का पहला होगा डबल डेकर एक्सप्रेस वे का दावा
आने वाले दो सालो में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरु होने की संभावना है। जिसके बाद यहां पर वाहनो का दबाव काफी बढ़ जायेगा। भविष्य को देखते हुए अधिकारी इस एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए मंथन कर रहे है। योजना है कि इस एक्सप्रेस वे को छह लेन का बनाया जायेगा और इसकी लंबाई 20 किलोमीटर होगी। इसके अलावा एक्सप्रेस वे को बनाने में लगभग 2500 करोड़ खर्च होने की संभावना है। ऐसा बताया जा रहा कि यह एक्सप्रेस वे देश का पहला डबल डेकर एक्सप्रेस वे होगा। अधिकारी जल्द ही इस योजना को उच्चाधिकारियों से साझा करेगें और अमुमति मिलने के बाद बोर्ड बैठक में प्रस्ताव होगा।
जाम से मिलेगी निजात
डबल डेकर एक्सप्रेस वे के माध्यम से बिना जाम में फंसे आसानी से यमूना एक्सप्रेस वे पर लोग जा सकेगें। ऐसे में आगारा, मथुरा और लखनऊ समेत कई उत्तर प्रदेश के अन्य जिलो में आने-जाने मे आसानी होगी। इसके अलावा इसका लाभ दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि शहर के लोगो को भी होगा।
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2002 में बना था नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2002 में बनवाया गया था। ग्रेटर नोएडा के दादरी, सूरजपुर छलेरा रोड़ पर बढ़ते वाहनो के दबाव को कम करने के लिए इसे बनाया गया था। एक एक्सप्रेस वे 24 किलोमीटर लंबा है।