लखनऊ। यूपी (UP) की राजधानी लखनऊ में सीएसआईआर और सीमैप (CSIR-CIMAP) द्वारा आयोजित दो दिवसीय किसान मेला 2024 में आए सभी 4000 किसानों को प्रदेश सरकार राम मंदिर (Ram Temple) के दर्शन कराएगी। इसका एलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को किसानों को संबोधित करते हुए किया।
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लखनऊ में CSIR-CIMAP द्वारा आयोजित 'किसान मेला-2024' में… https://t.co/MjM4n4ThA7
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 31, 2024
बता दें कि मेले में 15 राज्यों के किसान शामिल हुए हैं। इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय चार कृषि विश्वविद्यालय हैं और अब जल्द ही पांचवां भी खुलेगा। किसान खुशहाल होगा तो देश भी खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने सीमैप (CIMAP) द्वारा विकसित एरोमा एप (Aroma App) का लोकार्पण भी किया।
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मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में उन्नत प्रौद्योगिकियों के उपयोग से किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में वैज्ञानिक बिरादरी के प्रयासों की सराहना की। सीमैप के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि किसान मेले में किसान, उद्योग और वैज्ञानिकों के बीच बातचीत से बने पारिस्थितिकी तंत्र को राज्य में दोहराने की जरूरत है। उन्होंने राज्य कृषि विभाग से किसानों और उद्यमियों को ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए प्रयोगशालाओं में विकसित नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने के लिए लखनऊ में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम करने को कहा। उन्होंने किसानों से कृषि आय को कई गुना बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती में औषधीय और सुगंधित पौधों को शामिल करने को भी कहा।
योगी ने संस्थान परिसर में चंदन का पौधा लगाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसान मेला स्मारिका पुस्तक ‘औस ज्ञान’ का भी विमोचन किया, जिसमें सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित औषधीय और सुगंधित पौधों की 164 किस्मों, सीएसआईआर-अरोमा एंड्रॉइड मोबाइल ऐप और एक हर्बल उत्पाद एलो रोमा जेल शामिल है। उन्होंने 15 कृषि आधारित राष्ट्रीय और राज्य सरकार के संस्थानों के ग्रामीण प्रौद्योगिकी मंडप का भी उद्घाटन किया, जहां कृषि में ड्रोन, उच्च मूल्य वाले फूलों की खेती, बाजरा और खाद्य प्रसंस्करण, उच्च उपज वाले बासमती चावल की किस्म जैसी तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने स्टालों का दौरा किया और भाग लेने वाली प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों के साथ विकसित की जा रही प्रौद्योगिकियों और उनके लाभों के बारे में बातचीत की। सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित औषधीय और सुगंधित पौधों की 75 उच्च उपज वाली किस्मों के साथ-साथ सौर आसवन इकाई सहित उन्नत आसवन इकाइयों को भी प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री ने चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने में शामिल 20 नवोदित उद्यमियों और 50 से अधिक महिला लाभार्थियों के साथ भी बातचीत की।
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कृषि, कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करके उत्तर प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में श्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि सीमैप ने यूपी में औषधीय और सुगंधित फसलों की खेती के संबंध में अच्छा काम किया है और किसानों से अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित उन्नत किस्मों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के माध्यम से एमएपी की खेती पर जोर दिया, जिससे हर्बल उद्योगों को काफी मदद मिल सकती है, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
सीएसआईआर के महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने भी सभा को संबोधित किया और बताया कि सीएसआईआर नकदी फसलों, खाद्य फसलों, सुगंधित और औषधीय फसलों आदि से संबंधित नवीन अनुसंधान के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित हस्तक्षेप के विकास पर काम कर रहा है। इसे देश भर में अपनी विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा अरोमा और फ्लोरीकल्चर मिशन जैसी प्रमुख मिशन मोड परियोजनाओं के माध्यम से चलाया जा रहा है।
सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री और अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया । इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-सीमैप संस्थान के मार्गदर्शन में सदैव किसानों की आजीविका के उत्थान की दिशा में कार्य कर रहा है और संस्थान के प्रयासों से आज 24 राज्यों के 8,00,000 से अधिक किसान वैज्ञानिक पद्धति के तहत औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती अपनाकर लाभान्वित हो रहे हैं।
किसान मेले में उत्तर प्रदेश के 25 जिलों और 15 राज्यों के 4000 से अधिक किसानों ने भाग लिया। किसान मेले में भाग लेने वाले किसानों को 250 क्विंटल से अधिक मेन्थॉल मिंट की अधिक उपज देने वाली किस्म ‘सीआईएम-उन्नति’ वितरित की गई। इसके अलावा, देश भर के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) जैसे शिरडी, उज्जैन, गोरखपुर, लखनऊ, गुड़गांव, दिल्ली, वाराणसी आदि की 500 महिला लाभार्थियों ने संस्थान की अपशिष्ट से धन पहल के तहत अगरबत्ती प्रदर्शन में भाग लिया, जिसमें फूल कचरे को अगरबत्ती, शंकु स्टिकर आदि में परिवर्तित किया जाता है। देश भर से 20 से अधिक हर्बल उद्योग के प्रतिनिधियों और कई उद्यमियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और किसानों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।