नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) का एक दिवसीय विशेष सत्र का आगाज हंगामेदार रहा। जहां विपक्षी विधायकों ने सदन शुरू होते ही दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर हंगामा शुरू कर दिया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल (Assembly Speaker Ram Niwas Goel) ने नाराज होते हुए इसके लिए भाजपा (BJP) को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद भाजपा (BJP) ने ही खूब पटाखे फोड़े।
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इसी बीच दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल (Delhi Assembly Speaker Ram Niwas Goel) का गुस्से के साथ ही दर्द छलक पड़ा। सभापति गोयल ने कहा कि भाजपा (BJP) ने दिल्ली का गला घोंट दिया, प्रदूषण की वजह से जंतर मंतर पर प्रदर्शन करवाते हो कि पटाखे जलाएंगे। आपको पता है कि मेरी पत्नी एक महीने से घर से बाहर नहीं निकली हैं।
दूसरी तरफ दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र (Special session of Delhi Legislative Assembly) में नई शराब नीति (New Liquor Policy)और प्रदूषण पर चर्चा मांग कर रही बीजेपी के तीन विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया है। इन विधायकों में मोहन सिंह बिष्ट, जितेंद्र महाजन और अनिल वाजपेयी शामिल हैं। इस दौरान सदन के आग्रह पर एक विधायक को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया। इसके विरोध में बीजेपी (BJP) ने सदन का बहिष्कार किया।
विधानसभा में केजरीवाल ने कही ये बातें
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने विधानसभा में किसानों आंदोलन के समर्थन में बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मेरे देश के किसान ने अपने सत्याग्रह से ये दिखा दिया कि अन्याय के खिलाफ सच्चाई और मजबूत इरादों की जीत जरूर होती है। सीएम केजरीवाल (CM Kejriwal) ने कहा कि जिस अहंकार के चलते ये काले कानून पास किए गए थे । सरकार ने सोचा था कि वो कुछ भी कर लेगी। किसानों ने भी उन्हें दिखा दिया आंदोलन की क्या ताकत होती है? पिछले साल ये आंदोलन शुरू हुआ और सफल रहा। मैं किसानों को तहेदिल से बधाई देता हूं। इस आंदोलन में हर कोई शामिल हुआ कोई प्रत्यक्ष रूप से कोई घर से दुआएं भेज रहा था। हर जाति वर्ग और धर्म के लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन किया।
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केजरीवाल ने कहा कि खासतौर से मैं पंजाब के किसानों को बधाई देता हूं जिन्होंने इस आंदोलन की अगुवाई की। सैकड़ों ट्रैक्टर वहां से आए। पिछले साल सर्दियों में भी वह बैठे रहे, गर्मी, डेंगू, कोरोना हर चीज को मात दी। मुझे लगता है कि इंसान के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा आंदोलन चला। सबसे अहिंसात्मक, संयमित आंदोनल रहा। सत्तापक्ष ने उन्हें भड़काने, कुचलने डराने का प्रयास किया लेकिन किसान शांत रहा। 700 किसान शहीद हो गए अपने ही देश में, उन सभी को मैं नमन करता हूं।
सीएम बोले कि इन लोगों को कितनी गालिया दी गईं कि एंटी नेशनल हैं, खालिस्तानी हैं, पाकिस्तानी एजेंट हैं, चीनी एजेंट हैं लेकिन इनकी हिम्मत के सामने सरकार हार गई। इन पर वाटरकैनन से पानी बरसाया गया लेकिन इनकी हिम्मत के आगे कैनन का पानी सूख गया। सड़क पर कीलें ठोंकी गईं लेकिन इनकी हिम्मत के सामने सरकार की कीलें भी पिघल गईं। बैरियर लगाया गया सब किया गया लेकिन इनकी हिम्मत नहीं तोड़ पाई सरकार। इनके अहंकार को तोड़ दिया किसानों ने।
मुख्यमंत्री आगे बोले कि जिस तरह से आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी यह किसी आजादी की लड़ाई से कम नहीं था। सबसे बड़ी बात ये है कि यह किसान नहीं जनतंत्र और भारत की जीत है। लोगों का विश्वास उठ चुका था डेमोक्रेसी से। इन्हें भी ऐसा ही लगता है जब इनसे प्राइवेट में बात करो तो लेकिन इनकी मजबूरी है, ऊपर से आदेश आता है कि जो ज्यादा चिल्लाएगा उसे पद मिलेगा। यह एक हवन था जिसमें हमने भी अपनी तरफ से घी डाला। हमारे पास फाइल आई थी स्टेडियम को जेल बनाने की लेकिन हमने मंजूरी नहीं दी। हमने जब भी सीमा पर जरूरत हुई किसानों की मदद की हर तरीके से।
मास्टरस्ट्रोक को लेकर चुटकी लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि एक चीज मैं देख रहा हूं बेशर्मी की हद होती है। जब काले कानून आए तो भाजपा वाले बोले क्या वाह क्या मास्टरस्ट्रोक है और जब इन्हें वापस ले लिया गया तो भी ये बोले कि वाह क्या मास्टरस्ट्रोक है? मुझे बड़ा तरस आता है इन पर इनके नेताओं की वजह से इनका क्या हाल हो गया है?
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने विधानसभा से ही केंद्र सरकार के सामने किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए कई मांगें रखी हैं-
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केंद्रीय मंत्री टेनी को बर्खास्त किया जाए।
एमएसपी पर कानून बने।
किसानों के खिलाफ जितने केस दायर किए गए हैं वो वापस लिए जाएं।
किसानों की जो अन्य मांगें हैं वो भी पूरी हों।
700 शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
किसान जब चाहें तब आंदोलन खत्म करें।