नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट में व्हाट्सएप प्राइवेसी को लेकर जनहित याचिका डाली गई थी। अब इसपर केंद्र सरकार से कोर्ट ने जवाब मांगा है। मालूम हो, भले ही तीन महीने के लिए अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को व्हाट्सएप ने टाल दिया हो, लेकिन इसे लेकर अभी भी बवाल जारी है। मालूम हो, हाई कोर्ट स याचिका पर पहले कहा था कि अगर किसी की निजता इस नई पॉलिसी से भंग होती है तो इस एप को डिलीट कर दें।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था, ‘यह एक प्राइवेट एप है और अगर आपको अपनी गोपनियता के बारे में ज्यादा चिंता है तो आप व्हाट्सएप का इस्तेमाल बंद कर दें और दूसरा एप इस्तेमाल करें। यह स्वैच्छिक चीज है।’ बता दें कि एक वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी और सेवा शर्तों को लेकर कहा था कि यह संविधान द्वारा दी गई निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ। इसलिए सरकार को इसके खिलाफ कड़ा कदम उठाना चाहिए।
कोर्ट से याचिकाकर्ता ने ये भी कहा था कि लोगों की निजी जानकारियों को व्हाट्सएप साझा करना चाहता है। ऐसी स्थिति में इसपर रोक लगानी जरूरी है। 8 फरवरी 2021 से व्हाट्सएप की नई पॉलिसी लागू होने वाली थी। मगर इसे तीन महीने के लिए अब कंपनी ने टाल दिया है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि निजी चैट नई पॉलिसी के कारण नहीं होंगी। यही नहीं, कंपनी ने ये भी कहा था कि नई पॉलिसी के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं। ऐसे में नई पॉलिसी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए व्हाट्सएप ने स्टेटस अपडेट किया था।