Diwali Maa Lakshmi Aarti : दीपमालाओं का पर्व दिवाली इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर के दिन मनाया जा रहा जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि दीवाली पूजा में मां लक्ष्मी की आरती गाते हुए माता रानी को प्रसन्न किया जाता है। आरती करने के बाद ही पूजा संपन्न होती है। पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर दीपावली मनाई जाती है। इस बार मां लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Puja) का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 7 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 57 मिनट पर बताया जा रहा है।
पढ़ें :- Chaitra Navratri 2024 Hawan Samagri 2025 : हवन करने से पूर्ण हो जाती है चैत्र नवरात्रि साधना, जानें हवन-सामग्री और मंत्र
मान्यताओं के अनुसार सच्चे हृदय से मां लक्ष्मी की पूजा करने से माता प्रसन्न होकर सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देती हैं। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाते हैं। मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) की पूजा-आराधना करने पर वे भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उन्हें आर्थिक कष्टों से मुक्ति भी दिला देती हैं।
Maa Lakshmi ji ki aarti / मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
पढ़ें :- Easter and Good Friday 2025 : कब है गुड फ्राइडे और ईस्टर सनडे, जानिए इन खास दिनों का महत्व
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥