धर्मशाला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि अक्सर संघ को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद जो क्षमता दिखाई। उसके बाद यह साबित हो गया कि इसमें विश्व गुरु बनने की क्षमता है।
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हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भागवत ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल (Remote Controlle) के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है। हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं। सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है? उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।
प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।
उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई, क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डॉ.बी आर आंबेडकर (Dr. B R Ambedkar) का हवाला देते हुए कहा कि हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है। उन्होंने कहा कि 40,000 साल पहले से भारत के सभी लोगों का डीएनए (DNA) वही है जो आज के लोगों का है। हम सभी के पूर्वज एक ही हैं। उन्हीं पूर्वजों के कारण हमारा देश फला-फूला, हमारी संस्कृति बनी रही।
बता दें कि मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं।