लखनऊ। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा.अशीष गोयल (Power Corporation Chairman Dr. Ashish Goyal) ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि तय घंटों के अनुसार ही ग्रामीण, तहसील व शहरी क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति की जाए। इस संबंध में पूर्वांचल (Purvanchal), दक्षिणांचल (Dakshinanchal) , मध्यांचल (Madhyanchal) व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Paschimanchal Vidyut Vitran Nigam Limited) तथा केस्को कानपुर (KESCO Kanpur)के प्रबंध निदेशकों को निर्देश मिले हैं।
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कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील स्तर पर 21.30 और जिला मुख्यालय स्तर पर 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि बिजली रोस्टिंग के समय के अलावा कटौती की जाती है तो उतने ही समय के लिए अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति की जाए। यही व्यवस्था कृषि फीडरों पर भी लागू की जाएगी।
कंपनियों ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था को उच्चीकृत किए बिना सात माह में 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के भार को बढ़ा दिया है। इसके चलते पूरे प्रदेश में लगातार बिजली कट लग रहे हैं और उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (UP State Electricity Consumer Council Chairman Awadhesh Kumar Verma) ने बताया कि 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं द्वारा लिया गया कुल स्वीकृत भार 7.38 करोड़ किलोवाट है।
वहीं बिजली कंपनियों के 132 केवी सब स्टेशनों की क्षमता केवल 5.86 करोड़ किलोवाट है। इसकी वजह से प्रदेश में बिजली कट को लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग (Regulatory Commission) द्वारा बनाए गए कानून का उल्लंघन कर नोटिस दिए बिना उपभोक्ताओं का भार बढ़ाया है। इससे कंपनियों की कमाई बढ़ गई है, जबकि उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।