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मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार: ज्योतिरादित्य सिंधिया संभालेंगे नागरिक उड्डयन मंत्रालय, 30 साल पहले पिता के पास थी ये जिम्मेदारी

By शिव मौर्या 
Updated Date

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार: ज्योतिरादित्य सिंधिया संभालेंगे नागरिक उड्डयन मंत्रालय, 30 साल पहले पिता के पास थी ये जिम्मेदारी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो गया है। कैबिनेट विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं। दरअसल, मध्यप्रदेश में सिंधिया के कारण ही भाजपा की वापसी हुई है। बुधवार उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद के लिए शपथ ली है। इस कैबिनेट विस्तार में सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। खास बात यह है कि 30 साल पहले उनके पिता ने भी यही मंत्रालय संभाला है।

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बता दें कि, ग्वालियर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं। उनके पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेता थे। माधवराव सिंधिया पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे। माधवराव सिंधिया ने 1991 से 1993 तक राव सरकार में नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालयों को संभाला था। बाद में मनमोहन सिंह सरकार में ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र) प्रभार) रहे। अब ज्योतिरादित्य अपने पिता की तरह ही नागर विमानन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।

खास बात यह है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभालने से पहले माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य दोनों केंद्र में मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पिता माधवराव नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभालने से पहले राजीव गांधी सरकार में रेल मंत्री रह चुके थे। वहीं बेटा ज्योतिरादित्य मनमोहन सरकार में संचार और आईटी मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

ज्योतिरादित्य को डाक व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2002 में पहली बार राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। 18 सितंबर, 2001 को माधवराव की एक हवाई हादसे में मृत्यु हो गई थी। उस दौरान माधवराव गुना से लोकसभा सांसद थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता की लोकसभा सीट से ही पहली बार चुनाव लड़ा और फरवरी 2002 में साढ़े चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे।

 

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