लखनऊ। कोरोना वायरस का कहर न जाने कितने नामचीन सितारों को अपने आगोश में समा लेगा। शहर के विकिपीडिया योगेश प्रवीन के बाद लखनऊ के एक और मशहूर कवि वाहिद अली वाहिद का मंगलवार को निधन हो गया है। वह 59 साल के थे। बता दें कि उनको तीन दिन से उन्हें बुखार था। परिजनों ने बताया कि इलाज के लिए उन्हें लोहिया अस्पताल ले जाया गया लेकिन न तो उन्हें स्ट्रेचर मिला, न ही भर्ती किया गया।
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वाहिद अली वाहिद की बड़ी बेटी शामिया ने बताया कि पिता की तबीयत पिछले तीन दिन से खराब थी। उन्हें हृदय रोग पहले से था। मंगलवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए लोहिया अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में उन्हें भर्ती ही नहीं किया गया और घर लौटा दिया। इसी बीच उनकी सांसें टूट गईं।
शामिया ने बताया कि परिवार में छोटी बहन अंजुम, मां नजमुन्निशा और भाई राशिद हैं। भाई कतर में है। शामिया ने बताया कि पिता को खुर्रमनगर कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। वह आवास एवं विकास परिषद में कार्यरत थे। उनके निधन पर साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी दर्जनभर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया था।