कोलकाला। पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षा घोटाले की वजह से अपना मंत्री पद गंवाने वाले पार्थ चटर्जी ने पहली बार इस पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनसे जब पार्टी के इस फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि ये वक्त ही बताएगा। यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि पार्थ चटर्जी की करीबी माने जाने वालीं अर्पिता मुखर्जी के घर पर लगातार नोटों का अंबार मिल रहा है। अभी तक अर्पिता के चार घरों पर ईडी की रेड हो चुकी है।
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50 करोड़ के करीब कैश मिला है और कई किलो सोना भी बरामद किया गया है। पार्थ पूछताछ में जरूर कह रहे हैं। उन पैसों से उनका कोई लेना देना नहीं है, लेकिन अर्पिता कबूल कर चुकी हैं कि वो सारा पैसा पार्थ चटर्जी का ही है। अभी इस समय दोनों पार्थ और अर्पिता ईडी की कस्टडी में हैं, उनसे पूछताछ का दौर भी जारी है । इस शिक्षा घोटाले में दोनों इस कदर फंस चुके हैं कि अब टीएमसी भी उनका बचाव नहीं कर रही है । पहली रेड के बाद जरूर ममता ने कहा था कि वो पैसा अर्पिता का है, लेकिन जब दूसरी रेड में भी नोटों का अंबार निकला तो सीएम को भी सख्त एक्शन लेना पड़ा । अभी के लिए पार्थ का मंत्री पद छिन चुका है और पार्टी ने उनको एकदम अकेला कर दिया है। उन्हें बचाने का या फिर उनसे संपर्क साधने का भी प्रयास नहीं दिख रहा है।
लेकिन इस सब के बावजूद भी बीजेपी ने बंगाल में इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है कार्यकर्ता सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं, ममता का इस्तीफा मांग रहे हैं। वैसे इस पूरे विवाद पर ममता बनर्जी ने भी बड़ा बयान दिया है । उन्होंने पार्थ का इस्तीफा जरूर लिया है, लेकिन इसे एक बड़ा गेम करार दिया । उनका कहना है कि तृणमूल कांग्रेस एक सख्त पार्टी है । इसको बदला नहीं जा सकता। यह बड़ा गेम है, जिसके बारे में अभी ज्यादा बात नहीं की जाएगी।
इससे पहले भी पार्थ पर हुई कार्रवाई पर ममता ने कहा था कि अगर मेरे लोग दोषी पाए गए तो मैं खुद उन्हें कानून के हवाले करूंगी, चाहे वो एमपी हों या एमएलए। यहां तक की मंत्री ही क्यों न हों । लेकिन कोई जानबूझकर मेरी छवि नहीं खराब कर सकता।