हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की ज्वालापुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक और भाजपा नेता सुरेश राठौर (Former BJP MLA Suresh Rathore) की दूसरी शादी विवादों में आ गई है। राठौर ने हाल ही में सहारनपुर निवासी अभिनेत्री उर्मिला सनावर (Urmila Sanawar) से प्रेम विवाह करने की सार्वजनिक ऐलान किया है। उन्होंने इसी 15 जून को सहारनपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह उर्मिला सनावर को अपनी पत्नी मानते हैं। इस दौरान उर्मिला सनावर (Urmila Sanawar) भी उनके साथ मौजूद थी। इसके बाद उत्तराखंड में यह मुद्दा सियासी रूप से तूल पकड़ गया। कांग्रेस ने इसे यूनिफार्म सिविल कोड (UCC law) का उल्लंघन मानते हुए बीजेपी से अपने पूर्व विधायक सुरेश राठौर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की।
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BJP ने जारी किया नोटिस
मामले में पार्टी की किरकिरी होते देख बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट (BJP state president Mahendra Bhatt) के निर्देश पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट ने सुरेश राठौर (Suresh Rathore) को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया है। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने यह नोटिस जारी करते हुए राठौर से 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि उनके अमर्यादित आचरण के कारण पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। दरअसल, यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू हो चुका है। ऐसे में राठौर की दूसरी शादी यूसीसी के नियमों के तहत जांच के घेरे में आ सकती है। सुरेश राठौर पहले से शादीशुदा हैं, हालाकि उर्मिला राठौर की भी यह दूसरी शादी है।
दूसरी पत्नी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
उधर, मामले में उर्मिला सनावर (Urmila Sanawar) का बयान सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लिखी एक पोस्ट में कहा है कि आपकी जानकारी में लाना चाहती हूं कि मैंने 4 अक्टूबर 2022 को नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में पूर्व विधायक सुरेश राठौर जी के साथ गंधर्व विवाह किया था। यह विवाह हमारी आपसी सहमति और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ। इस विवाह के उपरांत, लगभग दो वर्षों तक सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक मंचों पर हमारे संबंधों को लेकर चर्चा होती रही। अंततः 15 जून 2025 को सुरेश राठौर जी ने हमारे 2022 में हुए विवाह की सार्वजनिक स्वीकृति मीडिया के समक्ष दी, जिसे मैं लंबे समय से स्वीकार करती आ रही हूं।
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‘UCC के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ’
इसके अलावा उन्होंने कहा,कि कुछ लोग जानबूझकर इस विवाह को लेकर भ्रम फैला रहे हैं और यह दावा कर रहे हैं कि विवाह 15 जून 2025 को हुआ है, जबकि वस्तुस्थिति यह है कि विवाह 2022 में ही संपन्न हो चुका था। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) 27 जनवरी 2025 से लागू हुआ है, जबकि हमारा विवाह उससे काफी पहले हो चुका था। अतः UCC के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ है। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब कुछ प्रमुख राजनेता जैसे हरीश रावत, नारायण दत्त तिवारी, दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेता दो विवाह होते हैं, तो उन पर कोई प्रश्न नहीं उठते। परंतु जब एक दलित महिला एक दलित नेता से विवाह करती है, तो इस पर आपत्ति जताई जाती है। यह सामाजिक दृष्टि से अनुचित है।