लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने आज से अपना ‘हकीकी आजादी’ मार्च शुरू किया है। इमरान खान ने ये मार्च नेशनल असेंबली को भंग करने के साथ मध्यावधि चुनाव कराने के लिए किया है। हालांकि, इससे पहले पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने इमरान खान पर शिकंजा कसा था। उपहारों की बिक्री से हुई आय का खुलासा न करने को लेकर इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
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हालांकि, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया था। बता दें कि, इमरान खान के ‘हकीकी आजादी’ मार्च से पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम ने गुरुवार को कहा था कि राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तत्कालीन (इमरान खान) सरकार ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को मार्च में एक ‘‘आकर्षक प्रस्ताव’’ दिया था।
यह दावा करते हुए आईएसआई प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल ने संवाददाताओं से कहा, मेरी मौजूदगी से आप हैरान हैं, ये मुझे पता है। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार आईएसआई प्रमुख द्वारा मीडिया से की गई बातचीत है। संवाददाता सम्मेलन तब हुआ है जब केन्या में पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या को लेकर देश में कई तरह के आरोप लगाए जा रहे है। सशस्त्र बलों के खिलाफ भी अप्रत्यक्ष आरोप लगाए जा रहे है।