नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था और उन्हें 7 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था। इस बीच पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने आज समन के जवाब में पेशी से छूट का आवेदन किया है और दलील दी है कि वे तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के कारण व्यस्त हैं।
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विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, उनके बेटे और अन्य को समन जारी किया था और उन्हें सात अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। वहीं, पी चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया के पूर्व प्रवर्तकों को कार्ति के कारोबार में मदद करने का निर्देश दिया था। ईडी ने अपने आरोप पत्र में यह कहा है।
आरोप पत्र में कहा गया है कि चिदंबरम का यह निर्देश मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के महत्वपूर्ण कदमों में था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपने पुत्र के कारोबार के हितों में मदद के लिए यह निर्देश दिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि 75 वर्षीय कांग्रेस के नेता अपने पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम के साथ मनी में लॉन्ड्रिंग पूरी तरह शामिल थे. साथ ही वह उन कंपनियों के कामों में भी शामिल थे जिसका स्वामित्व उनके पुत्र के पास था। इनमें से कुछ कंपनियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है
पूरे मामले पर नजर डाले तो साल 2007 में 305 करोड़ के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए INX मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दी थी। उस वक्त पी चिदंबरम के पास वित्त मंत्रालय था। CBI ने 15 मई 2017 ने इस मामले में केस दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। फिर 21 अगस्त 2019 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम को CBI ने गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद फिर 16 अक्टूबर 2019 को ईडी ने उन पर शिकंजा कसा।