पटना। पटना (Patna) के गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में वर्ष 2013 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi ) की हुंकार रैली (Hunkar Rally) के दौरान बम ब्लास्ट मामले में दोषी पाए गए नौ आरोपितों को एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने सोमवार को सजा सुनाई है। एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। तो वहीं दो आरोपियों को उम्रकैद और दो को 10 साल की सुनाई है। इसके अलावा एक आरोपी को सात वर्ष की सजा सुनाई गई है।
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बता दें कि गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर सीरियल बम ब्लास्ट (Serial bomb blast at Patna Junction) 27 अक्टूबर 2013 को हुआ था। इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 89 लोग घायल हुए थे। आठ साल बाद इस मामले में फैसला आया है। बता दें कि बुधवार को कोर्ट ने मुख्य छह आरोपित को देशद्रोह, आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या का प्रयास, यूएपीए एक्ट की धारा में दोषी करार दिया था। अन्य तीन दोषी पाए गए। एक को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
रांची और रायपुर में रची थी बम ब्लास्ट की साजिश
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi ) की हुंकार रैली (Hunkar Rally) के दौरान गांधी मैदान (Gandhi Maidan) सीरियल बम ब्लास्ट (Serial bomb blast) की साजिश रांची और रायपुर में रची गई थी। इसका रिहर्सल भी किया था। बोधगया में सात जुलाई 2013 को ब्लास्ट के बाद ही पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में ब्लास्ट की योजना इंडियन मुजाहिद्दीन (Indian Mujahideen) के जिहादियों ने बनाई थी। बोधगया ब्लास्ट का मास्टरमाइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह थे। बोधगया बम ब्लास्ट (Bodhgaya Bomb Blast) में हैदर ने बौद्धभिक्षु बनकर बम प्लांट किये थे। इसके बाद गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में मोदी की रैली में ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ का जुगाड़ कर रांची में जमा किया।
घटना को अंजाम देने के लिए आठ आतंकी सुबह में ही बस के जरिए रांची से पटना पहुंचे थे। अपनी योजना के अनुसार अलग-अलग होकर काम करने लगे। इस बीच पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दस के शौचालय में मानव बम बनते समय एक विस्फोट हो गया। इसमें एक आतंकी की मौत हो गई थी। पटना जंक्शन पर ब्लास्ट करते समय पकड़े गए मो. इम्तियाज से पूछताछ में रांची से तार जुड़े मिले। इसके बाद एनआईए ने रांची के हिंदपीढ़ी और सीठियो में छापेमारी की थी। इसके अलावा रायपुर में भी आरोपितों ने प्रशिक्षण लिया था। रायपुर से ही उमर सिद्दकी और अजहरूद्दीन की गिरफ्तारी हुई थी। यही पर नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर विस्फोट करने की योजना बनी थी। रांची में इसे अंजाम देने की कार्ययोजना बनी।
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मुख्य साजिकर्ता आतंकी मो. हैदर को रांची मॉड्यूल का बनाया गया था इंचार्ज
गांधी मैदान (Gandhi Maidan) सीरियल बम ब्लास्ट (Serial bomb blast) और बोधगया ब्लास्ट (Bodhgaya Bomb Blast) मामले का मुख्य साजिकर्ता आतंकी मो. हैदर को रांची मॉड्यूल का इंचार्ज बनाया गया था। उसे ही जवाबदेही दी गयी थी कि वह कुछ और युवकों को जोड़कर मॉड्यूल तैयार करे। हैदर इस सिलसिले में तेजी से काम कर रहा था। 24 मई 2014 को हैदर, मजबुल्ला रांची से और नुमान और तौकीर पलामू से पकड़े गए थे। रिमांड पर लिए गए हैदर और मजबुल्ला से जब पूछताछ की गयी तो इन सबों ने बड़े खुलासे किए। इसके बाद ही एनआईए की टीम दोनों को लेकर रांची पहुंची। उसी की निशानदेही पर बम बरामद हुए और कर्बला इलाके में पड़े छापा में एक व्यक्ति के यहां से सर्किट मिला था।