गणेश चतुर्थी 2021: हिंदू तिथि के मुताबिक गणेश उत्सव की शुरुआत भाद्रपद महीने की चतुर्थी को होती है।आज 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। आज से गणेशोत्सव का शुभारंभ होगा। आज से लोग अपने घरों में गणपति भगवान की स्थापना कर उनकी पूजा करते हैं।गणेशोत्सव का पहला दिन भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसे विनायक चतुर्थी या गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। भारत के दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में इस पर्व पर एक अलग ही धूम देखने को मिलती है। इस दिन लोग सार्वजनिक पंडालों में विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की मूर्ती स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक निरंतर गणपति बप्पा की पूजा अर्चना करते हैं।
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एक वक्त था जब गणेशोत्सव बड़े पैमाने पर सिर्फ राजसी घरानों में ही मनाया जाता था लेकिन आज ये आम लोगों का त्यौहार बन गया है।आज तस्वीर बदल गई है अब महाराष्ट्र के हर गली मोहल्ले में सार्वजनिक गणेश उत्सव के पंडाल लगते हैं। देश के कई राज्यों में इस उत्सव को धूम धाम पूर्वक मनाया जाता है।मुंबई के कुछ पूजा पंडाल ऐसे हैं जो देशभर में विख्यात हो चुके हैं। इन पंडालों में विराजमान गणपति के दर्शन के लिये लोग देश के कोने कोने मंबई आते हैं।
लालबाग के राजा को पंडाल
इनमें एक पंडाल जो सबसे चर्चित है वो है लालबाग के राजा को पंडाल। लालबाग के राजा मध्य मुंबई के चिंचपोकली इलाके में विराजते हैं। इनके बारे में भक्तों के बीच मान्यता है कि ये मन्नत पूरी करते हैं। यहां एक कतार उन लोगों की भी लगती है जो मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाने आते हैं। इस तरह से गणेश गली के गणपति भी मन्नत पूरी करने वाले गणपति माने जाते हैं और यहां भी भक्तों की भीड लगती है।
गणेश उत्सव की समाप्ति दस दिनों बाद यानी कि अनंत चतुर्दशी के दिन होती है। ये वो दिन होता है जब अपने आराध्य देव के प्रति भक्तों की भावना अपने चरम पर नजर आती है। गणपति बाप्पा मोर्या, पुढच्या वर्षी लवकरया के नारों के साथ लोगों की भीड़ सागर तटों पर दोपहर बाद से उमड़ने लग जाती है।