Garuda Purana: गरुड़ पुराण वैष्णव संप्रदाय के मुख्य पुराणों में से एक है। ये वेदव्यास (Maharishi Veda Vyasa) जी द्वारा लिखित एक पुराण है। परंपरा के अनुसार, हिंदू धर्म में परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद 13 दिनों तक इसका पाठ घर पर किया जाता है। भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण में पक्षियों के राजा गरुड़ द्वारा पूछे गए रहस्यमय प्रश्नों के उत्तर दिए हैं। गरुण पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है।
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गरुड़ पुराण की सीख
1.गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति को सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के समय कभी नहीं सोना चाहिए। इससे मन विचलित रहता है।
2.भूख से ज्यादा कभी न खाएं। इसे शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा करने से शरीर में आलस्य आता है और व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
3.कभी किसी के साथ बुरा व्यवहार मत करो, कभी भी अपशब्द मत बोलो. ऐसा करने वालों पर मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
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4.गरुड़ पुराण के अनुसार कभी भी सांप, अग्नि, शत्रु और शत्रु मित्रों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
5.गरुड़ पुराण में बुरे चरित्र वाले लोगों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
6.मित्रों और संबंधियों से कभी भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए। बुरे समय में ये लोग आपके काम आते हैं।
7.कोई कितना भी प्रिय क्यों न हो। दूसरे के घर में अधिक समय तक नहीं रहना चाहिए या बार-बार नहीं जाना चाहिए।