Garuda Purana: सनाधर्मी प्राचीन काल से ही ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म के बारे प्राचीन धर्म ग्रंथों के सहारे जीवन जीने की कला का ज्ञान प्राप्त करते रहें है। भारतीय धर्मिक ग्रंथों में जीवन के रहस्यों (Ancient texts of Sanatan Dharma) के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
पढ़ें :- Kharmas 2025 : खरमास खत्म होने से फिर शुरू होंगे मांगलिक कार्य, ये हैं जनवरी की शुभ तिथियां
गरुड़ पुराण Garuda Purana महर्षि वेदव्यास (Maharishi Veda Vyasa) जी द्वारा लिखित एक पुराण है। महर्षि व्यासजी ने 18 पुराण लिखे हैं। इसमें गरुड़ पुराण भी शामिल है।यह पुराण वैष्णव संप्रदाय के मुख्य पुराणों में से एक है।
गरुड़ पुराण में भगवान श्रीहरि ने गरुड़ के संदेह मिटाने के लिए जीवन के सार को समझाया है। जिसमें प्रमुख बात यह है कि हम संसार में किस लिए आए हैं, क्या करके जाना है? यदि हम अच्छे कर्म करेंगे तो उसका प्रभाव हमारे वंश पर पड़ेगा।गरुड़ पुराण से हमे कई तरह की शिक्षाएं मिलती है।
गरुण पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है।
गरुड़ पुराण में सफलता का मंत्र
गरुड़ पुराण में व्यक्ति को स्वच्छ रहने की नसीहत दी गई है और बताया गया है कि स्वच्छता न रखने पर मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और घर में आर्थिक संकट आता है। इसके अलावा गरुड़ पुराण में व्यक्ति को बताया गया है कि आपसे द्वेष रखने वालों से हमेशा दूर रहें और सतर्क रहें। ऐसे लोग आपकी सफलता के बीच बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि द्वेष रखने वाले हमेशा आपके शत्रु ही हों, कई बार आपके मित्रों में भी ऐसे लोग मिल जाते हैं। इसलिए संयम के साथ व्यवहार करें और स्वयं को उनसे बचाएं।