नई दिल्ली। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को बड़ा झटका लगा है। डीपीएपी के कई नेता आज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कांग्रेस पार्टी दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है। हम कई प्रमुख नेताओं का स्वागत करते हैं जो आज हमारे साथ जुड़े। यह इस बात का संकेत है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लोग क्या चाहते हैं।
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The Congress party in Jammu and Kashmir is being strengthened day by day.
We welcome several prominent leaders who joined us today.
It is an indication of how the people of Jammu and Kashmir want @INCJammuKashmir to take lead in addressing their issues and usher peace and… pic.twitter.com/XGMLUOk0Ip
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 7, 2023
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जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कांग्रेस (Congress) उनके मुद्दों को संबोधित करने और शांति और प्रगति लाने में नेतृत्व करना। वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) पर निशाना भी साधा है। जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि आज सुबह डीएपी (डिसअपियरिंग आजाद पार्टी) के 21 नेता फिर से कांग्रेस में वापस आ गए, जिनमें गुलाम नबी आजाद की ओर से मेरे खिलाफ मानहानि का केस करने वाला एक नेता भी शामिल हैं।
Earlier this morning, 21 J&K leaders from DAP (Disappearing Azad Party) rejoined the Congress, including one who filed a defamation case against me on behalf of Ghulam Nabi Azad.
Meanwhile, Mr. GNA himself gives new evidence of his DNA mutation by saying "those opposing Article… pic.twitter.com/oGl06OSMV0
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 7, 2023
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उन्होंने आगे कहा कि इस बीच जीएनए (गुलाम नबी आजाद) ने खुद के डीएनए के बदलने का नया सबूत देते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध करने वाले लोग जमीनी स्थिति से अनजान हैं। ये उस व्यक्ति का बयान है जिसने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ राज्यसभा में मोर्चा संभाला था।
कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि संसद सदस्य का कार्यकाल खत्म होने के बाद गुलाम नबी आजाद को नई दिल्ली में विशाल बंगले में रहने की मियाद बढ़ाए जाने को उचित ठहराने की जरूरत पड़ती है।