नई दिल्ली। देश में पासपोर्ट बनवाने या उसे रिन्यू कराने की कतार में लगे लोगों के लिए खुशखबरी है। राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने कहा है कि अगर पुलिस जांच की रिपोर्ट नकारात्मक (Negative) आ जाए, तब भी पासपोर्ट बनने से नहीं रोका जा सकता है। हाल ही में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि पुलिस सत्यापन की रिपोर्ट निगेटिव होना अपने आप में किसी नागरिक को पासपोर्ट पाने के कानूनी अधिकार से वंचित नहीं करता है। जस्टिस अनूप कुमार ढांड (Justice Anup Kumar Dhand) की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पासपोर्ट प्राधिकरण पुलिस की रिपोर्ट से बंधी हुई नहीं है।
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सावित्री शर्मा बनाम भारत सरकार के मामले में सावित्री शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिकूल पुलिस सत्यापन रिपोर्ट (Adverse Police Verification Report) किसी नागरिक को पासपोर्ट पाने के उसके कानूनी अधिकार से वंचित नहीं कर सकती है। यह पासपोर्ट प्राधिकरण को तय करना होता है कि सत्यापन रिपोर्ट (Verification Report) में आरोपित व्यक्ति के तथ्यों/पूर्ववृत्त को ध्यान में रखते हुए उसे पासपोर्ट जारी किया जाना चाहिए या नहीं।
हालांकि, अदालत ने पासपोर्ट विभाग (Passport Department) को छूट दी है कि यदि पुलिस सत्यापन (Police Verification) में कुछ गड़बड़ मिलता है, तो वे विधि अनुसार कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार और पासपोर्ट अधिकारी (Passport Officer) को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता के पासपोर्ट नवीनीकरण (Passport Renewal) का प्रार्थना पत्र 8 सप्ताह में निष्पादित करे। हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक को उसके पासपोर्ट प्राप्त करने या नवीनीकरण करने के कानूनी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने साफ कहा कि पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज जारी करने का निर्णय केवल पासपोर्ट प्राधिकरण (Passport Authority) की ओर से ही लिया जाना चाहिए।