नई दिल्ली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जब से उसकी धरती पर पटखनी दी है, तब से युवा खिलाड़ियों का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। कंगारूआें को भारत की टीम ने 2-1 से हरा कर अपना परचम लहराया है। हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचां की सीरीज खेली गई है। जिसमें भारत ने पहला मैच हारने के बाद से सीरीज में वापसी करते हुए बाकी बचे तीन टेस्ट मैच में दो जीत कर शानदार प्रदर्शन से सीरीज पर कब्जा जमा लिया।
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एडीलेड में हारने के बाद भारत ने मेलर्बन और ब्रिसबेन में खेले गए टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की। नियमीत कप्तान विराट कोहली के गैरमौजूदगी में आजिंक्य रहाणे ने अच्छी कप्तानी कर अपने नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर और भारत के पुर्व कोच ग्रेग चैपल ने, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के द्वारा युवा खिलाड़ियों को दी जा रही सुविधा पर सवाल उठाया है। चैपल ने कहा कि भारत के युवा खिलाड़ियों के आगे ऑस्ट्रेलिया के युवा कमजोर नजर आ रहे हैं। विल पुकोवस्की और कैमरून ग्रीन अभी उस स्तर पर तैयार नजर नहीं आते जैसा एक अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी को होना चाहिए।
बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों पर करोड़ो खर्च करती है। उसके मुकाबलें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया बहुत कम कर पाती है। ऑस्ट्रेलिया ने अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह दोनों के बीच एक खाई नहीं बल्कि प्रशांत महासागर के बराबर अंतर है। उन्होंने, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट पर रुपए खर्च करने का बड़ा अंतर बताते हुए कहा कि आप इस इलेक्ट्रिक कार के जमाने में 1960 के दशक की होल्डंस कार नहीं बना सकते।