लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लाख दावे कर ले लेकिन ये दावे सिर्फ कागजी ही हैं। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में जारी भ्रष्टाचार पर अंकुश तो छोड़ दिजिए इस विभाग में भ्रष्टाचार और ज्यादा बढ़ता जा रहा है। ट्रांसफर—पोस्टिंग में भी जमकर खेल किया जा रहा है। यही नहीं मुख्यमंत्री कार्यालय से आई फाइलों को भी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के यहां नजरअंदाज कर दिया जा रहा है। इसमें सबसे ज्यादा खेल इनके चेहते अफसर और कुछ मठाधीश मिलकर कर रहे हैं।
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इसमें एक नाम मुकेश श्रीवास्तव का भी है, जो पूर्व विधायक है। मुकेश श्रीवास्तव के खिलाफ उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा भी दर्ज कर चुकी है। यही नहीं एनआरएचएम घोटाले में भी मुकेश श्रीवास्तव का नाम सामने आया था। बसपा शासनकाल से चल रहा स्वास्थ्य विभाग में इसका सिंडिकेट अभी भी जारी है। सूत्रों की माने तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के ट्रांसफर पोस्टिंग में मुकेश श्रीवास्तव का सिक्का खूब चलता है। सीएमओ के ज्यादातर ट्रांसफर पोस्टिंग में इसके चेहते अफसरों को जिलों में तैनाती दी जाती है। इसके लिए मोटी रकम में डील भी की जाती है।
हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से ट्रांसफर—पोस्टिंग में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की तमाम कोशिशें और अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है। इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री के साथ मिलकर ये सभी खेल उनके चेहते कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो अगर मुख्यमंत्री की तरफ से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की अभी तक की हुई ट्रांसफर पोस्टिंग की जांच हो जाए तो इनका खेल उजागर हो जाएगा। यही नहीं इनके इस कामों के कारण सरकार की भी छवि लगातार धूमिल हो रही है।
मुकेश श्रीवास्तव की कई कंपनी ब्लैकलिस्टेड
बताया जाता है कि, स्वास्थ्य विभाग का माफिया कहे जाने वाले मुकेश श्रीवास्तव की कई कंपनियां भी हैं। हालांकि, इनके आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियों पर सरकार का हंटर चल चुके है और उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। यही नहीं इसकी कई कंपनियों के खिलाफ एसआईटी जांच भी चल रही है। इसके बाद भी करीब 15 जिलों में मुकेश श्रीवास्वत स्वास्थ्य मंत्री से सांठगांठ करके अपने सीएमओ की तैनाती कराई है। सीएमओ की तैनाती के बाद मुकेश अपनी कंपनियों का काम इन जिलों में धड़ल्ले से चल रहा है। सूत्रों की माने तो इन कंपनियों में काफी घटिया क्वालिटी के सामान की सप्लाई की जाती है।
भाजपा के विधायकों की नहीं होती है सुनवाई
सूत्र बतातें हैं कि, भाजपा के विधायकों की स्वास्थ्य मंत्री के यहां कोई सुनवाई नहीं होती है। कई भाजपा विधायक मुख्यमंत्री के यहां अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की दुर्दशा को लेकर पत्र लिखते हैं तो स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से उसको सिरे से खारिज कर दिया जाता है। यही नहीं विधायकों पर पत्र वापस लेने का दबाव भी बनाया जाता है या फिर उनके पत्र को फर्जी बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। जबकि विपक्षी दल के पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव जैसे लोगों की विभाग में तूती बोलती है। ऐसे में अब देखना है कि इस सिंडिकेट के खिलाफ मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई करते हैं या फिर स्वास्थ्य मंत्री विभाग में अपना खेल अनवरत जारी रखते हैं।
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पर्दाफाश कई नामों का करेगा खुलासा
बसपा सरकार से लेकर अब तक कई ऐसे लोग हैं जिनका सिक्का स्वास्थ्य विभाग में अभी तक चल रहा है। पर्दाफाश न्यूज के पास कई ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है, जो ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर कई अन्य काम धल्लड़े से करा रहे हैं। इनकी कई कंपनियों से भी सेटिंग है या इनकी है, जो स्वास्थ्य विभाग में काम कर रही हैं। पर्दाफाश की टीम ऐसे लोगों के नाम जल्द ही उजागर करेगी।