Holi 2022 Puja Muhurat : होली का त्योहार खुशियों और रंगों का त्योहार है। इस त्योहार का संदेश है कि बुराई पर अच्छाई की जीत। सदियों से भारत देश में होली खेलने की परंपरा है। भाईचारे का पैगाम देने वाले इस त्योहार को एक दूसरे के गले मिल कर मनाया जाता है। होली में उड़ते अबीर और गुलाल के रंगारंग त्योहार को हर आयु वर्ग के लोग मनाते है। इस त्योहार को मनाने के पीछे की मान्यता बहुत ही प्राचीन है। होली के त्योहार को लेकर बच्चों और युवाओं में बहुत उत्साह रहता है। रंगों को वातावरण में बिखेरने के साथ ही तरह तरह के पकवानों को बनाने की परंपरा भी इस त्योहार पर है।
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पौराणिक मान्यता है कि इस दिन कामदेव का पुनर्जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना का वध कर पृथ्वी लोक को उसके आतंक से बचाया था। तंत्र की मान्यताओं के अनुसार यह एक आध्यात्मिक पर्व है।
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक मान्य है। ऐसे में होलिका दहन 17 मार्च दिन गुरुवार को होगी क्योंकि होलिका दहन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त 17 मार्च को ही प्राप्त हो रहा है।