मुंबई। अरब सागर (Arabian Sea) में सोमवार रात एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है, जो अंततः मानसून के बाद के पहले चक्रवात में तब्दील हो सकता है। मौसम मॉडल (Weather Models) ने कहा कि अरब सागर (Arabian Sea) के दक्षिणपूर्वी हिस्सों पर चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) की स्थिति बन रही है। हालांकि किसी भी ठोस अनुमान के लिए यह बहुत जल्दी है।
पढ़ें :- Firozabad Blast: पटाखा गोदाम में हुए जोरदार धमाके से 12 ढह गए मकान, पांच लोगों की मौत 11 घायल
स्काईमेटवेदर (Skymetweather) ने कहा कि भूमध्यरेखीय क्षेत्र (Equatorial Region) के बगल में अरब सागर (Arabian Sea) के दक्षिणपूर्वी हिस्सों में स्थितियां बन रही हैं, जहां सकारात्मक आईओडी (IOD) और मामूली रूप से अनुकूल एमजेओ के कारण गर्म हिंद महासागर (warm Indian Ocean) में एक साथ मिलकर शीघ्र ही एक चक्रवाती विक्षोभ (Cyclonic Disturbance) पैदा कर सकता है।
Cyclone Alert: Arabian sea
Our radar is buzzing with news of the first cyclone post monsoon brewing in the Arabian Sea!
Weather models predict a Low-Pressure Area (LPA) formation in next 24 hours by today evening-night. With ideal conditions, it could soon escalate into… pic.twitter.com/3JDBjpVHcF— Mumbai Rains (@rushikesh_agre_) October 16, 2023
पढ़ें :- केजरीवाल की उत्तराधिकारी दिल्ली की नई सीएम आतिशी कैसे चढ़ीं सफलता सीढ़ियां? जानें अब तक का राजनीतिक सफर
स्काईमेटवेदर (Skymetweather) की प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है कि अगले 72 घंटों में समुद्र के चरम दक्षिण-मध्य भागों में स्थानांतरित हो सकता है और निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में आकार ले सकता है। हालांकि बेहद निम्न अक्षांश और प्रतिकूल पर्यावरणीय स्थितियां चक्रवाती हवाओं में किसी भी तेजी से वृद्धि का संकेत नहीं देती हैं।
आईओडी या हिंद महासागर द्विध्रुव दो क्षेत्रों (या ध्रुवों, इसलिए एक द्विध्रुव) के बीच समुद्र की सतह के तापमान में अंतर को संदर्भित करता है। वहीं एमजेओ या मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन को भूमध्य रेखा के पास बादल और वर्षा के पूर्व की ओर बढ़ने वाले ‘पल्स’ के रूप में जाना जाता है, जो आम तौर पर हर 30 से 60 दिनों में दोहराया जाता है। प्रारंभिक पूर्वानुमानों के अनुसार अगर चक्रवात बनता है तो उसका नाम ‘तेज’ रखा जाएगा।