लखनऊः यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ की एन.आई.आर.एफ. तथा क्यू.एस. विश्व रैंकिंग में उत्कृष्ट रैंकिंग के लिए कार्यशाला की अध्यक्षता की। कार्यशाला में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय ने जानकारी दी कि लखनऊ विश्वविद्यालय गत् दो वर्षों से लगातार एन.आई.आर.एफ. में रैंकिंग के लिए आवेदन कर रैंकिंग प्राप्त कर रहा है। उन्होंने वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 का अपना तुलनात्मक प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय ने एन.आई.आर.एफ. में 115वीं रैंक प्राप्त करके पिछली ग्रेडिंग से 80 पायदान ऊपर की रैंकिंग हासिल की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शीर्ष 100 शिक्षण संस्थाओं के अंतर्गत उत्कृष्ट एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।
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राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की एन.आई.आर.एफ. टीम द्वारा रैंकिंग के सभी पाँचों क्राइटेरिया पर उनके प्रस्तुतिकरण तथा विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति और रैंकिंग में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकने की सभी सम्भावनाओं पर विस्तार से विश्लेषण किया। चर्चा के दौरान कार्यशाला में उपक्रम के सदस्य एवं एन.आई.डी. चण्डीगढ़ से विशेषज्ञ के रूप में प्रतिभाग कर रहे प्रो0 संजीत ने एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की अनेक तकनीकी समस्याओं की जानकारी देते हुए प्रदेश के विश्वविद्यालयों का दावा पुष्ट करने के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को ‘उपक्रम‘ की अध्यक्षता में एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में अग्रसर होने के लाभों से भी अवगत कराया।
राज्यपाल ने नियमों में संशोधन की आवश्यकता पर बिंदुवार विवरण तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिससे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में परिणामदायी चर्चा की जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों की उत्कृष्ट एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग के लिए ‘उपक्रम‘ अपने कार्यों की प्रति 15 दिन में रिपोर्ट दे। उन्हांेने उपक्रम को विश्वविद्यालयों की क्यू0एस0 वर्ल्ड रैंकिंग की तैयारी के लिए भी विस्तृत दिशा-निर्देश देकर आवेदन कराने की दिशा में कार्य करने को कहा। राज्यपाल जी ने कार्यशाला में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संयुक्त योजना बनाकर साझेदारी से कार्य करने और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग में उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एकांकी सोच से ऊपर उठकर आपसी सहयोग करें और प्रदेश हित में अपनी सोच का दायरा बढ़ाएं। एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में अगले आवेदन की तिथि में समय सीमा को मद्देनजर रखते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय कम समय में अच्छे परिणाम के लिए ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा।
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यहाँ उल्लेखनीय है कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्म (एन.आई.आर.एफ.) भारत में उच्च शिक्षा के संस्थानों को रैंक करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2015 में अपनायी गयी एक पद्धति है, जो पांच मापदंडों पर विश्वविद्यालयों की रैंकिंग करती है। इन मापदण्डों में टीचिंग/लर्निंग एण्ड रिसोर्सेज, रिसर्च एण्ड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम, आउटकम एण्ड इंक्लूजिविटी तथा परसेप्शन शामिल हैं। राज्यपाल जी की पहल पर उनके बेहतर दिशा-निर्देशन में ‘उपक्रम‘ स्थापित है। ‘उपक्रम‘ उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की नैक, एन.आई.आर.एफ. और क्यू0एस0 वर्ल्ड रैंकिंग में उत्कृष्टता हेतु एन0आई0डी0 चण्डीगढ़ और उच्च शिक्षा विभाग के बीच करार के साथ स्थापित केन्द्र है, जिसका कार्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थापित है।
आज की कार्यशाला में राज्यपाल की अध्यक्षता में एन0आई0डी0 विशेषज्ञ के रूप में शामिल प्रो0 संजीत के अतिरिक्त अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा श्री पंकज जॉनी, प्रमुख सचिव साइंस एवं तकनीकी शिक्षा, कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय, डायरेक्टर जनरल ‘उपक्रम‘ तथा लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रो0 पूनम टण्डन, विश्वविद्यालय की एन.आई.आर.एफ. टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।