लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिये प्रदेश में आक्सीजन और रेमडिसीवर समेत अन्य दवाओं के पर्याप्त भंडार का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों के उपचार में सरकारी और निजी अस्पतालों को कोई कोताही नहीं बरतनी है। कोरोना मरीजों के इलाज का खर्च सरकार नियमानुसार वहन करेगी।
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श्री योगी ने रविवार को टीम 11 के साथ कोरोना प्रबंधन की समीक्षा करते हुये कहा कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 35,614 नए कोविड संक्रमित केस आए हैं, जबकि 25,633 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस प्रकार प्रदेश में अब तक 7.77 लाख से अधिक लोग अब तक कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। यह सुखद स्थिति ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है।
उन्होने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में स्थापित कराए जा रहा सर्वसुविधायुक्त कोविड हॉस्पिटल अति शीघ्र क्रियाशील हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग सम्बंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर डीआरडीओ को सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए। इन अस्पतालों के संचालन से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ़ होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी निजी अथवा सरकारी अस्पताल किसी भी कोविड मरीज के उपचार से इनकार नहीं कर सकता। नियमानुसार सरकार इनके उपचार का खर्च वहन करेगी, लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।
उन्होने कहा कि आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के सहयोग से ऑक्सीजन की ऑडिट कराने की कार्यवाही कराई जाए। इसी प्रकार, लखनऊ के एकेटीयू, गोरखपुर में एमएमएमयूटी, कानपुर में एचबीटीयू और प्रयागराज में एमएनआईटी से संपर्क स्थापित कर ऑक्सीजन ऑडिट कार्य में सहयोग लिया जाए। इन संस्थानों को इनके समीपस्थ अलग-अलग जिले आवंटित कर ऑडिट कराया जाए। ऑक्सीजन मांग-आपूर्ति-वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। इसे प्रभावी बनाया जाए।