लखनऊ। ब्यूरोक्रेसी की हवा लगते ही अफसरों के रंग बदल जाते हैं। जनता के हितों का फैसला करने वाले ये अफसर खुद की झोली भरने में जुट जाते हैं। ब्यूरोक्रेसी का ये चस्का यूपी के कई पूर्व और मौजूदा अफसरों को भी लगा और उन्होंने धनकुबेर बनने के लिए सरकारी खजाने को दोनों हाथों से जमकर लूटा। लिहाजा, वह कुछ ही दिन में करोड़ों की सपंत्तियां अर्जित कर लिए। सरकार की नजरें इन पर टेढ़ी हुईं तो दोनों हाथों से लूटा हुआ सरकारी खजना इन्हें महंगा साबित हो गया।
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दो दिन पूर्व ही पूर्व आईएएस सत्तेंद्र सिंह के ठीकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी, जिसमें सामने आया कि इनके पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। ये खुलासा होते ही ब्यूरोक्रसी से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया। ऐसा नहीं कि ये पहला मामला है, इससे पहले भी यूपी के कई आईएएस अफसरों के काले कारनामें उजागर हो चुके हैं, जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। बता दें कि, नीरा यादव और राजीव कुमार जैसे कई अफसरों पर भी भ्रष्टाचार के दाग लग चुके हैं और इन्हें जेल की हवा खानी पड़ी थी।
इन अफसरों पर लगे भ्रष्टाचार के दाग
अखंड प्रताप सिंह : ये 1967 बैच के आईएएस अधिकारी रहे। मुख्य सचिव रह चुके अखंड प्रताप सिंह यूपी के भ्रष्ट अधिकारियों की सूची में शामिल थे। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में वे जेल की हवा भी खा चुके हैं। इनका नाम बीज घोटाले में भी आया था।
प्रदीप शुक्ला : 1981 बैच के आईएएस टॉपर प्रदीप शुक्ला एनआरएचएम घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई के पास है। जेल जाने के बाद अभी वे जमानत पर बाहर हैं।
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ललित वर्मा : ये 1984 बैच के टॉपर हैं। एसोसिएशन में इनका नाम भ्रष्ट अधिकारीयों में शामिल रहा है। इन पर यूपीएससी की गोपनीय फाइल में उम्र में हेराफेरी का आरोप लगा था। सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
के धनलक्ष्मी : ये 2000 बैच की आईएएस अफसर हैं। सीबीआई ने इनके घर से करीब सवा तीन करोड़ रूपये की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। इनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है।
संजीव सरन : इस आईएएस पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। नोएडा में तैनाती के दौरान इन्होने किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर बिल्डरों को बेच दी। सरन के हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया गया था। सपा सरकार में ये महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
यादव सिंह : धन कुबेर के नाम से मशहूर इस इंजीनियर ने अपनी काली कमाई की वजह से मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं। यादव सिंह अब भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं।
बी चंद्रकला : बी चंद्रकला 2008 बैच की आईएएस हैं। इन पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है। सपा सरकार में खनन घोटाले में इनका भी नाम सामने आया था। इस समय सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।