नई दिल्ली। CDS Bipin Rawat Passed away : विमान हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) व उनकी पत्नी समेत 13 लोग शहीद हो गए हैं। अब सबसे अहम सवाल यह है कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) के बाद देश के सीडीएस (CDS) पद का भार कौन संभालेगा? क्या फिर से इस पद के अधिकार राष्ट्रपति के सैन्य अधिकारों में समाहित हो जाएंगे? ऐसे ही कई सवाल हैं, जिनके जवाब लोग जानना चाहते हैं?
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अब देश के सीडीसी का कार्यभार उनके समक्ष कोई पूर्व अधिकारी संभालेगा या फिर इस पद पर नई नियुक्ति होगी? सैन्य जानकारों के मुताबिक इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार किसी को नहीं दिया जा सकता है। इस पद पर नई नियुक्ति ही की जाएगी। रक्षा मामलों से जुड़ी एक उच्च स्तरीय समिति यह तय करेगी कि अगला सीडीएस कौन होगा?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद
बता दें कि साल 2001 में मंत्रियों के एक समूह ने भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद सृजित करने की सिफारिश की थी। यह जीओएम कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा था। GoM की इस सिफारिश के बाद सरकार ने साल 2002 में इस पद को सृजित करने के लिए इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ (Integrated Defense Staff) बनाया, जिसे CDS सचिवालय के तौर पर काम करना था। फिर दस साल बाद साल 2012 में सीडीएस (CDS) को लेकर नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष को नियुक्त करने की सिफारिश की। इसके बाद से ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद के लिए पूरा मसौदा तैयार करने की कवायद चल रही थी। जिसे साल 2014 के बाद एनडीए सरकार ने तेज कर दिया।
केंद्र की एनडीए सरकार (NDA Government)ने साल 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS ) का पद सृजित कर दिया। भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत (Indian Army Chief Bipin Rawat) 30 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस (CDS ) बनाए गए। तभी से वे इस पद पर रहकर कार्य कर रहे थे।
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सीडीएस (CDS) पद पर तैनात अधिकारी का वेतन और सुविधाएं अन्य सेना प्रमुखों के बराबर रखी गई हैं। किसी सेना प्रमुख को सीडीएस (CDS ) बनाए जाने पर आयु सीमा का नियम बाधा न बने, इसीलिये सीडीएस (CDS ) पद पर रहने वाले अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक इस पद पर काम कर सकेंगे। यानी अब सेना प्रमुख अधिकतम 62 वर्ष की आयु या 3 वर्ष के कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकते हैं।
इसके लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने सेना के नियम 1954, नौसेना (अनुशासन और विविध प्रावधान) विनियम 1965, सेवा की शर्तें और विविध विनियम 1963 और वायु सेना विनियम 1964 में संशोधन किया है।
सीडीएस (CDS) सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस (CDS) काम करते हैं। वह रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होते हैं। इसके साथ ही सीडीएस (CDS) परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार भी होते हैं। एकीकृत क्षमता विकास योजना के तहत सीडीएस (CDS) रक्षा से जुड़ी पूंजीगत अधिग्रहण पंचवर्षीय योजना और दो वर्षीय सतत् वार्षिक अधिग्रहण योजना को भी कार्यान्वित करते हैं। खर्च कम करके सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता बढ़ाने और तीनों सेनाओं के कामकाज में सुधार लाने का काम भी सीडीएस (CDS) की जिम्मेदारी है। सीडीएस रक्षा मंत्रालय के तहत बनाए गए सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के सचिव के रूप में कार्य करता है। डीएमए (DMA) भारत की सशस्त्र सेना यानी थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जुड़े मामलों पर एक साथ काम करता है।
सेवानिवृत्ति के बाद बाध्यता
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद से सेवानिवृत्त होने वाला शख्स किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं कर सकता। साथ ही वह सेवानिवृत्ति के 5 वर्ष बाद तक भी बिना इजाजत कोई भी निजी रोज़गार करने का अधिकार नहीं होता।