Conversation between PM Modi and President Trump: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कई बार दावा कर चुके हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकार सीजफायर किया। इस बीच पीएम मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बातचीत की, जो लगभग 35 मिनट तक चली। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने ट्रंप को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया और उन्होंने दो टूक कहा कि पाकिस्तान की अपील के बाद सीजफायर हुआ।
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दरअसल, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत की जानकारी दी है। विक्रम मिसरी ने कहा कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े किसी भी विषय में व्यापार से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के कहने पर ही भारत ने सीजफायर किया था। भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता और आगे भी नहीं करेगा। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि अब भारत आतंकवाद की घटनाओं को प्रॉक्सी वॉर (परदे के पीछे की लड़ाई) नहीं, बल्कि सीधे युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है।
विदेश सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने पीएम मोदी की तरफ से विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन जताया। मिसरी ने कहा कि 22 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन पर शोक संवेदना प्रकट की थी. और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच ये पहली बात थी। इससे पहले पीएम मोदी कनाडा के कनानैस्किस G-7 समिट में शामिल होने पहुंचे थे. यहां से राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी लौटना पड़ा इस वजह से ये मुलाकात नहीं हो पाई।
गौररलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपनी पीठ कई बार थपथपा चुके हैं। सीजफायर के ऐलान से पहले ट्रंप ने दावा किया था अमेरिका की मध्यस्थता के कारण भारत और पाकिस्तान में सीजफायर हुआ। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी सीजफायर की पुष्टि की थी। हालांकि भारत ने साफतौर पर कहा कि संघर्षविराम में किसी भी तीसरे देश की भूमिका नहीं है। भारत ने एक बार नहीं बल्कि कई बार ट्रंप के दावों का खारिज किया। जबकि, ट्रंप बार-बार इसका श्रेय लेने की कोशिश करते रहे हैं।