न्यूयॉर्क। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (India’s Foreign Minister S Jaishankar) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी जिम्मेदारियों को समझता है। उन्होंने कहा कि वे दिन खत्म हो गए हैं, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और दूसरों से उसके अनुरूप चलने की उम्मीद करते थे।
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एस जयशंकर (S Jaishankar)ने कहा कि कोरोना काल के बाद दुनिया के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विकासशील देशों पर सबसे अधिक दवाब है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा कि भारत की ओर से नमस्ते!…विश्वास के पुनर्निर्माण और वैश्विक एकजुटता को फिर से जगाने के इस यूएनजीए (UNGA) के विषय को हमारा पूरा समर्थन है। यह हमारी आकांक्षाओं को साझा करते हुए हमारी उपलब्धियों और चुनौतियों का जायजा लेने का एक अवसर और लक्ष्य है।वास्तव में, दोनों के संबंध में, भारत के पास साझा करने के लिए बहुत कुछ है…”
उन्होंने कहा कि दुनिया उथल-पुथल के एक अपवाद दौर को देख रही है… इस मोड़ पर, असाधारण जिम्मेदारी की भावना के साथ भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली। ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की गई क्योंकि बहुतों की प्रमुख चिंताएं केवल कुछ लोगों के संकीर्ण हित हैं।”
यूएनजीए (UNGA) में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने आगे कहा कि यह मानते हुए कि वृद्धि और विकास को सबसे कमजोर लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, हमने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट बुलाकर अध्यक्षता शुरू की। इससे हमें 125 देशों को सीधे सुनने और उनकी चिंताओं को जी20 (G20 Summit) एजेंडा में रखने में सक्षम बनाया गया। परिणामस्वरूप, वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित करने वाले मुद्दों पर निष्पक्ष सुनवाई हुई। इससे भी अधिक, विचार-विमर्श से ऐसे परिणाम निकले जिनका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत महत्व है।
विदेश मंत्री (Foreign Minister) ने जी20 का हवाला देकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की वकालत भी की। उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेखनीय था कि भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया। ऐसा करके, हमने पूरे महाद्वीप को आवाज दी, जिसका लंबे समय से इसपर हक रहा है। जी20 में सुधार का यह महत्वपूर्ण कदम संयुक्त राष्ट्र (UN), जो कि एक बहुत पुराना संगठन है। सुरक्षा परिषद को समय के मुताबिक बनाने के लिए प्रेरित करेगा।
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विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण इतना तीव्र है और उत्तर-दक्षिण विभाजन इतना गहरा है, नई दिल्ली शिखर सम्मेलन भी इस बात की पुष्टि करता है कि कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान हैं। विदेश मंत्री जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा कि भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम ‘विश्व मित्र – दुनिया के लिए एक मित्र’ के युग में विकसित हो गए हैं। यह विभिन्न देशों के साथ जुड़ने और जहां आवश्यक हो, हितों में सामंजस्य स्थापित करने की हमारी क्षमता और इच्छा में परिलक्षित होता है। यह QUAD के तीव्र विकास में दिखाई देता है; यह BRICS समूह के विस्तार या I2U2 के उद्भव में भी समान रूप से स्पष्ट है।
महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा कि हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं। परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।विदेश मंत्री जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा कि हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है। आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। उन्होंने तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप का उदाहरण दिया।