लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगाने के निर्देश के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। अब भाजपा के सहयोगी दलों ने भी योगी सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है। JDU व RLD ने इस फैसले पर अपनी नाराजगी जातते हुए सरकार से इस मामले में पुनर्विचार करने की बात कही है।
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JDU प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा, इससे बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकलती है वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी की जो व्याख्या भारतीय समाज, NDA के बारे में है- ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’, यह प्रतिबंध इस नियम के विरुद्ध है। बिहार में नहीं (आदेश) है, राजस्थान से कांवड़ गुजरेगी वहां नहीं है। बिहार का जो सबसे स्थापित और झारखंड का मान्यता प्राप्त धार्मिक स्थल है वहां नहीं है। इसपर पुनर्विचार हो तो अच्छा है।
वहीं, बीजेपी के सहयोगी दल RLD ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नाम लिखने के मुद्दे का खुला विरोध किया है। आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर योगी सरकार के फैसले का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की है।
वहीं, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कहा कि, एक सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के कारण इस तरह का असमंजस हुआ था, मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने जो भी सांप्रदायिक भ्रम पैदा हुआ था उसे दूर किया है… मेरा यही कहना है कि इस तरह के विषयों पर किसी को सांप्रदायिक भ्रम फैलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यह किसी मुल्क, मजहब, मानवता के लिए अच्छा नहीं है… आस्था का सम्मान और आस्था की सुरक्षा पर सांप्रदायिक सियासत नहीं होनी चाहिए।