लखनऊ। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदलाव होने की संभावना है। सत्ताधारी भाजपा को चुनाव में उम्मीद से भी कम सीटें उत्तर प्रदेश में मिलीं, जिसके बाद से ही कई तरह के बदलाव की अटकलें शुरू हो गईंं। यही नहीं भाजपा के कई नेता मुखर होकर अपनी बात भी रखने लगे। प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि, संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है। एक दिन पहले उन्होंने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की।
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वहीं, अब यूपी भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकता की। अब कहा जा रहा है कि, यूपी भाजपा में संगठन से लेकर सरकार तक में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। दरअसल, ये बदलाव यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले हो सकते हैं। भाजपा इन सभी सीटों पर जीतकर लोकसभा चुनाव में मिली हार पर मरहम लगाने की सोच रही है।
बागी शुरू अपना रहे पार्टी के नेता
बीते कुछ दिनों में पार्टी के कई नेताओं के बागी शुरू देखने को मिले हैं। इन नेताओं ने कई तरह के आरोप लगाएं। हालांकि, कुछ नेता बाद में अपने बयान से पलट भी गए। इन सबके बीच यूपी भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। हालांकि, अब देखना होगा कि ये बदलाव कब होंगे।
बदल सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद अब संगठन और सरकार के बीच बयानबाजी और अधूरे तालमेल की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। इस बीच बुधवार को यूपी के राजनीतिक घटनाक्रम पर बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि, उत्तर प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष भी मिल सकता है। इसको लेकर कई नाम भी सामने आने लगे हैं।