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सम़ृद्ध जल स्रोत आने वाली पीढि़यो को देना हमारी जिम्मेदारी-राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू

By Sachin 
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ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट सेंटर में मंगलवार दोपहर को देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने विधिविधान से पांच दिनो तक चलने वाले सांतवे इंडिया वाटर वीक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री और स्थानिय जनप्रतिनिधियों ने भी राष्टपति का स्वागत किया। यह कार्यक्रम पांच दिनो तक चलेगा, जिसमें देश ही नही बल्कि विदेशो से भी आये शोधकर्ता, इंजीनियर, वैज्ञानिक और उद्यमी जल संरक्षण, जल स्रोत के विकास आदि पर चर्चा करेगें।

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भविष्य के लिए सभी को जलसंरक्षण के प्रति होना होगा जागरुक
इंडिया वाटर वीक कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि आने वाले पांच दिनो तक देश और विदेश के विशेषज्ञ जल संरक्षण को लेकर चर्चा करेगें और जल को कैसे संरक्षित किया जाये इसके उपाये बतायेगें। उन्होने कहा कि भारतीय सभ्यता में पानी को दैविय रुप माना जाता है। हमारे देश में पूजा पाठ का विधिविधान जल पूजा से शुरु होता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण देश और विदेश में पानी के भंडार सूख रहे है। दूनिया का एक बड़ा हिस्सा पीने के पानी के लिए परेशानी उठा रहा है। उन्होने कहा कि देश में जल संचयन को लेकर भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पानी को बर्बाद होने से रोकना बहुत जरुरी है। हम सभी को पानी को रिसाइकल करके बार बार अलग अलग तरह से प्रयोग करने की आदत डालनी होगी। उन्होने कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियो को सुरक्षित जल स्रोत सोंपकर जायें। इसके लिए सभी को जागरुक होना होगा।

प्रदेश सरकार लगातार कर रही जल संरक्षण पर कार्य–मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंडिया वाटर वीक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगले पांच दिनो तक जल संरक्षण को लेकर इससे जुडे सभी जानकार चिंतन करेगें और अपना योगदान दे पायेगें। उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश में जल प्रबंधन के सभी साधन मौजूद है। प्रदेश सरकार द्वारा अब तक प्रदेश की 58000 ग्राम पंचायतो में अमृत सरोवरो की खुदाई की जा चुकी है। इसके अलावा नगर निकाय में भी अमृत सरोवर खोदे जा रहे है। नमामी गंगे योजना के तहत गंगा नदी के जल को प्रदेश में हर जगह पर लगातार स्वच्छ किया जा रहा है। प्रदेश की सभी विकास प्राधिकरण को कहा गया है कि सभी जगहो पर होने वाले निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेसटिंग अनिवार्य रुप से बनना चाहिऐ।

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