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जयराम रमेश ने लाल कृष्ण आडवाणी का लिखा पत्र किया साझा, EC में नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर मोदी सरकार पर लगाए ये आरोप

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की भूमिका खत्म करने को लेकर घेरा है। जयराम रामेश ने शुक्रवार को तत्कालीन भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को लिखे गए 2012 के एक पत्र को साझा किया, जिसमें ऐसी नियुक्तियों के लिए व्यापक आधार वाले कॉलेजियम का सुझाव दिया गया था।

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पत्र में लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने मांग की थी कि सीईसी और अन्य सदस्यों की नियुक्ति पांच सदस्यीय पैनल या कॉलेजियम द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और कानून मंत्री शामिल हों। लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने ये पत्र दो जून 2012 को लिखा था।

इसमें उन्होंने लिखा था कि, मौजूदा प्रणाली, जिसमें चुनाव आयोग के सदस्यों को केवल प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, लोगों में विश्वास पैदा नहीं करता है। इस पर उस समय सरकार सभी राजनीतिक दलों की राय लेने के लिए तैयार थी। मनमोहन सिंह (Manmohan Singh)  ने कहा था कि वह चुनाव सुधारों के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में बदलाव के लिए तैयार हैं।

वहीं, अब केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) के द्वारा लाए गए विधेयक को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा लाया गया विधेयक न केवल आडवाणी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव के खिलाफ है, बल्कि इस साल दो मार्च को पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में मोदी सरकार (Modi government) की ओर से यह बात इस बात को और पुख्ता करती है कि मोदी चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहते हैं।

 

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