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जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर बिहार और बंगाल में हैं मतदाता, दोनों राज्यों को सूचियों में नाम दर्ज होने से मचा हड़कंप

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (Jan Suraj Party founder Prashant Kishor) का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल, दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है। यह जानकारी एक चुनाव अधिकारी ने मंगलवार को दी। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) इस बार बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में मैदान में है।

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आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, किशोर का नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के 121, कालीघाट रोड पते पर दर्ज है, जो तृणमूल कांग्रेस (TMC) मुख्यालय का पता है। यह वही सीट है, जहां से मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (TMC chief Mamata Banerjee) चुनाव लड़ती हैं। चुनाव अधिकारी (Election officials) ने बताया,कि उनका मतदान केंद्र बी रानीशंकारी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल में दर्ज है। गौरतलब है कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor)  टीएमसी (TMC)  के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं।

अधिकारी ने आगे बताया कि बिहार में किशोर का नाम रोहतास जिले के सासाराम संसदीय क्षेत्र (Sasaram Parliamentary Constituency) के अंतर्गत करगहर विधानसभा क्षेत्र (Kargahar Assembly Constituency) में दर्ज है, जहां उनका मतदान केंद्र मध्य विद्यालय, कोनार है। इस मामले पर बात करते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के तहत किसी भी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज नहीं किया जा सकता।

उन्होंने आगे कहा,कि धारा 18 के तहत एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यक्ति का नाम दो बार दर्ज करना भी निषिद्ध है। मतदाताओं को निवास स्थान बदलने पर अपना नाम स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म 8 भरना आवश्यक होता है।  चुनाव आयोग (EC) ने स्वीकार किया है कि मतदाता सूची में दोहराव की समस्या एक आम मुद्दा है। यही कारण है कि आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण ( SIR) प्रक्रिया शुरू की। बिहार में शुरू हुई यह प्रक्रिया 30 सितंबर को अद्यतन मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूरी हुई, जिसमें लगभग 68.66 लाख प्रविष्टियां हटाई गईं। इनमें करीब सात लाख ऐसे मामले थे, जिनमें मतदाता विभिन्न स्थानों पर दो बार दर्ज पाए गए थे।

प्रशांत किशोर को निर्वाचन पदाधिकारी ने नोटिस देकर जवाब तलब किया है। निर्वाची पदाधिकारी करगहर ने उनसे जवाब मांगा है। 3 दिनों के भीतर प्रशांत किशोर से अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है।

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