पटना। बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने है, लेकिन इस चुनाव का चर्चा छह माह पहले ही देश भर में हो रहा है। एसआईआर को लेकर छह माह पहले ही बिहार में राजनीतिक चहत बढ़ गई थी। एसआईआर को लेकर विपक्ष ने सरकार का जमकर विरोध किया। विपक्ष सड़क से लेकर संसद तक में सरकार को घेरा है। एनडीए गठबंधन वाली नीतिश कुमार सरकार अपनी गद्दी बचाने के लिए पुरा दम लगा रही है। वहीं विपक्ष भी 20 साल बाद सत्ता में वापस आने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दिया है।
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इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हमेंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी बिहार चुनाव में इंट्री ले चुकी है। बिहार चुनाव में झामुमो ने सीट की मांग को लेकर इंडिया गठबंधन की सरगर्मी बढ़ा दी है। बिहार और झारखंड बार्डर से लगे 12 विधानसभा सीटों को बंटवारे में मांगा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने इंडिया गठबंधन से 12 सीटों की मांग की है। झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडे (JMM spokesperson Manoj Pandey) ने बताया कि पार्टी के दो वरिष्ठ नेता बिहार विधानसभा के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav, Leader of Opposition in Bihar Assembly) से मिलकर सीट बंटवारे पर जल्द चर्चा करेंगे। झामुमो ने बिहार- झारखंड सीमा से लगने वाली विधानसभा सीटों की मांग कर रही है। झामुमो ने दावा किया है इन क्षेत्रों में उनकी पार्टी की पकड़ बहुत मजबूत है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस फैसले के बाद बिहार में चुनावी हलचल तेज हो गई है। सभी पार्टीयां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। एक तरफ सभी पाटियां चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगा दी है। वहीं सीट बंटवारे को लेकर भी एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों में माथ पिची चल रही है।