नई दिल्ली। यूपी में लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) की लड़ाई बुधवार को राष्ट्रपति भवन (President’s House) तक पहुंच गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी (Congress leader MP Rahul Gandhi) ने कहा कि हमने राष्ट्रपति महोदय से कहा कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री (state home minister) हैं। उनको तत्काल पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के दो मौजूदा जजों से भी जांच कराने की मांग की गई है।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और उसके बाद भड़की हिंसा मामले में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस (Congress) का एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से राष्ट्रपति भवन जाकर मुलाकात की है। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) मामले में तथ्यों से जुड़ा एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा है। इस मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए दखल देने की अपील की है।
राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने बताया कि मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने आज ही सरकार से मामले पर चर्चा करने का भरोसा दिलाया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) के संबंध में सारी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमारी 2 मांगें हैं कि मौजूदा जजों से स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए। इस मामले में न्याय तभी संभव होगा।
कांग्रेस का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की सख्त टिप्पणी के बावजूद मामले में केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा एके एंटनी, मलिल्कार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, प्रियंका गांधी वाड्रा(Priyanka Gandhi Vadra) , के सी वेणुगोपाल और अधीर रंजन चौधरी शामिल थे।
इस घटना के बाद भड़की हिंसा में चार अन्य लोगों समेत कुल आठ लोगों की जान चली गई। किसानों ने इस मामले में FIR दर्ज कराई है, जिसमें मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा के अलावा सात अन्य लोग आरोपी हैं। कई दिनों की लुकाछिपी के बाद आशीष मिश्रा शनिवार को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर पेश हुए थे। इसके बाद पुलिस ने जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार कर लिया। इसके अगले ही दिन रविवार को उन्हें कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।