लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कारगिल युद्ध विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। यह युद्ध मई, 1999 में प्रारम्भ हुआ और अन्ततः घुसपैठिए पाकिस्तानी सैनिकों को भारत की धरती से खदेड़ने में सफलता प्राप्त हुई थी। वैश्विक मंच पर भारत की सैन्य ताकत का एहसास पूरी दुनिया ने किया था। आज के दिन की कारगिल विजय दिवस के रूप में औपचारिक घोषणा की गई थी। कारगिल युद्ध के दौरान, इसके पूर्व के सभी युद्धों और इसके उपरान्त भी देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले भारत माता के वीर सपूतों ने मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्यों से देश की निरंतर सेवा की। आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारत माता के महान सपूतों के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
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'कारगिल विजय दिवस' के अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/rcMtzui1cs
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 26, 2023
मुख्यमंत्री बुधवार को कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने प्रदेशवासियों को कारगिल विजय दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत में प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा की गारंटी प्रदान की गई है। देश में आतंकवाद, नक्सलवाद या किसी भी प्रकार की घुसपैठ के लिए कोई जगह नहीं है। देश के विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा नागरिक सुविधाओं और लोक कल्याणकारी योजनाओं को प्रत्येक तबके तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आन्तरिक और वाह्य सुरक्षा के लिए भारत माता के जवानों का अमूल्य बलिदान हम सभी के लिए अविस्मरणीय और पूरे राष्ट्र के लिए अभिनंदनीय है। विगत 6 वर्षों से प्रदेश सरकार ने शहीदों के परिवारजनों के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करते हुए देश की आन्तरिक और बाह्य सुरक्षा में बलिदान हुए जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को उत्तर प्रदेश शासन में सेवा का अवसर और शहीद के नाम पर किसी मार्ग या संस्था का नामकरण करने की व्यवस्था की है। कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय के नाम पर देश के पहले सैनिक स्कूल का नामकरण किया गया है। यदि हम सभी अपने-अपने क्षेत्र में नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कार्य करेंगे, तो प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप वर्ष 2047 में भारत दुनिया की एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित हो जाएगा।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीद वाटिका में शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद हुए लखनऊ के कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय, कैप्टन आदित्य मिश्र, मेजर रितेश शर्मा, लांस नायक केवलानन्द द्विवेदी और लांस नायक सुनील जंग के परिजनों को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कारगिल युद्ध में हमारे जांबाज सैनिकों ने प्रत्येक परिस्थिति का साहस से सामना करते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया था। आज के दिन हम शहीदों के बलिदान को याद कर स्वयं को कर्तव्य बोध कराते हैं। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी शहीदों की भावनाओं का पूर्ण रूप से सम्मान कर देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हम सभी इनके व्यक्तित्व, कृतित्व और दिनचर्या का अनुसरण कर देश और प्रदेश की सच्ची सेवा कर सकते हैं।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री यह अक्सर कहा करते हैं कि हमें देश के लिए मरने का सौभाग्य तो प्राप्त नहीं हुआ ,लेकिन देश के लिए जीने और कुछ करने का सौभाग्य अवश्य प्राप्त हो रहा है। देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के मन की अभिलाषा का अंदाजा हम सभी को होना चाहिए। हम सब स्वतंत्र हवा में जी सकें इसलिए हमारे जवान अपना बलिदान देते हैं। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देशभक्ति की भावना बनाए रखें।
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