कर्नाटक। प्रतिभा किसी उम्र और संसाधन की मोहताज नहीं होती है। इस बात को कर्नाटक के कलबुर्गी जिले की एक 17 वर्षीय लड़की ने सच कर दिखाया है। आकांक्षा पुराणिक की जितनी प्रसंशा की जाए उतना कम है। आकांक्षा पुराणिक ने कहा कि मेरी मां मेरी प्रेरणा रही हैं, उन्होंने मुझे विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम करने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं एक आईएएस अधिकारी बनना चाहता हूं और मुझे 5 भाषाएं भी आती हैं। कलबुर्गी की 17 वर्षीय आकांक्षा पुराणिक हारमोनियम, तबला, सितार, गिटार जैसे कई संगीत वाद्ययंत्र बजाना जानती हैं। वह कहती हैं, वह गायन, कराटे, भरतनाट्यम आदि जैसी 60 से अधिक गतिविधियों में कुशल हैं।
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आकांक्षा पुराणिक हारमोनियम, तबला, गिटार, सितार जैसे कई संगीत वाद्ययंत्रो को बजाने की तालीम हासिल है, बल्कि उन्होंने गायन, कराटे, भरतनाट्यम आदि जैसी 60 से अधिक गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन कर ढेरों पुरस्कार जीते हैं। आकांक्षा हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, तेलुगु और मराठी भाषा जानती हैं। आकांक्षा ने बताया, ‘वर्तमान में, मैं कराटे और किकबाक्सिंग में अधिक शामिल हूं।’
300 शील्ड और 600 प्रमाण पत्र हैं आकांक्षा के नाम
कर्नाटक के कलबुर्गी की 17 वर्षीय लड़की आकांक्षा पुराणिक कालेज में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं, उन्होंने छोटी सी उम्र में बड़े-बड़े काम किए हैं। बता दें कि आकांक्षा ने गायन, नृत्य, संगीत वाद्ययंत्र बजाने जैसे विभिन्न क्षेत्र 60 से अधिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कई पुरस्कार जीते हैं। आकांक्षा पुराणिक ने कहा कि उसने पिछले चार वर्षों में 300 शील्ड जीते हैं और 600 प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं। साथ ही आकांक्षा कराटे में ब्लैकबेल्ट होल्डर भी है।
आकांशा के करीबी रिश्तेदार विजयकुमार ने कहा कि वह ‘रेगिस्तान में नखलिस्तान’ की तरह हैं। उन्होंने कहा कि आकांक्षा एक शिक्षार्थी हैं। वह जो कुछ भी सीखने का फैसला करती हैं। उसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करती है। उन्होंने आगे कहा कि वह थकती नहीं है। उसने मुश्किल से चार साल में बहुत कुछ हासिल किया है। छठी कक्षा से लेकर अब तक उसने सब कुछ किया है।