Karwa Chauth 2025 : सनातन धर्म सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला कठिन निर्जला व्रत करवा चौथ आज देश भर मे मनाया जा रहा है। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए इस व्रत का पालन करती है। यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और अटूट विश्वास का प्रतीक है। सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रख सांयकाल चंद्रमा को अर्घ्य दे कर फिर पति का मुखड़ा छलनी में देख कर पति के हाथों जल ग्रहण करती है।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ के दिन भगवान गणेश, माता गौरी और भगवान शंकर की पूजा की जाती है। वहीं, ज्योतिषियों के अनुसार, करवा चौथ के दिन सुहागिनों को कुछ विशेष कार्य करने से माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
करवा चौथ के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करें, उसके बाद 108 बार ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
करवा चौथ के दिन पूजा के बाद यह जल तुलसी या पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ा दें।
करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते समय पति का नाम मन में लेकर जल चढ़ाएं।
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करवा चौथ की रात में चांद देखने के बाद आंगन या खिड़की पर एक दीया जलाकर रखें।